
झबुआ कलेक्टर नेहा मीना द्वारा कुपोषण मुक्त झाबुआ कार्यक्रम अंतर्गत क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें सभी ब्लॉक बीएमओ और सीडीपीओ की संयुक्त टीम से हेल्थ कैंप कुपोषण गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चें टीकाकरण तथा मोटी आई की सहभागिता की जानकारी ली गई।
सेम वाले बच्चों का प्रत्येक शनिवार स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। मोटी आई के द्वारा उनकों भोजन कराया जाए। उत्कृष्ट कार्य करने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा। सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग एवं सीडीपीओ को अधिक से अधिक फील्ड में जाने के निर्देश दिए। एसडीएम द्वारा जमीनी स्तर पर इसका औचक निरीक्षण किया जाएगा। कलेक्टर द्वारा प्रतिदिन मॉनिटरिंग कर कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के निर्देश दिए।
जिले में अति कुपोषित कुल 1613 एवं बॉर्डर लाइन 337 इस प्रकार कुल 1950 बच्चें कुपोषण से मुक्त किए जाने हेतु चयनित किए गए है मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिसम्बर के प्रथम सप्ताह मे होने वाली बैठक मे कुपोषण की नवीनतम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री राधु सिंह बघेल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीएस बघेल, आयुष अधिकारी डॉ प्रमिला चौहान, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती वर्षा चौहान व अजय चौहान, सिडीपीओ एवं बीएमओ उपस्थित रहे।
बैठक के पश्चात कलेक्टर द्वारा फील्ड पर पहुंचकर कुपोषण की प्रगति की जानकारी ली गई। कलेक्टर द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र करडावद बड़ी में समूह द्वारा बनाए गए लड्डू के गुणवत्ता की जांच कर बच्चों को लड्डू खिलाया गया। यहां 6 माह से 3 वर्ष के 42 बच्चे, 3 से 6 वर्ष के 45 बच्चे, 10 गर्भवती महिलाएं, 11 धात्री महिलाएं, एक कुपोषित बच्चा व मेम में एक बच्चा पंजीकृत है। कलेक्टर द्वारा कुपोषित बच्चें का वजन कराया गया। पहले से बच्चों में काफी सुधार देखा गया है। बच्चें की नियमित मॉनिटरिंग होने से वह जल्द ही कुपोषण से मुक्त हो जाएगा। सेम बच्चों का प्रोफाइल कार्ड नहीं पाए जाने से संबंधित सुपरवाइजर को नोटिस देने के निर्देश दिए गए।
इसी के साथ ही मोटी आई से चर्चा कर बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने को कहा गया। जो बच्चा कुपोषित है उसकी हार्ट सर्जरी हुई थी। कलेक्टर नेहा मीना द्वारा उसकी स्वास्थ्य का रिकॉर्ड रखने को कहा तथा उसकी माता को तीन बच्चे होने पर नसबंदी कराने के लिए प्रेरित किया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सीडीपीओ को बच्चों को एल्बेंटाजोल की गोली देने को कहा गया। साथ ही बच्चों को लगाए गए टीकाकरण की जानकारी प्राप्त कर सभी बच्चों को समय पर टीकाकरण किए जाने के निर्देश दिए।