रेत उत्खनन बौरास, सतरावन, केतोघान में रोज हो रहा अवैध रेत उत्खनन
दबंगाई केतोधान, सितरावन और बोरास के घाटों से चोरी हो रही है रेत, ठेकेदार के कर्मचारियों के रोकने पर हो रहे झगड़े नर्मदा तटों पर रात में फिर रेत चोरों का मेला संवाददाता गोविन्द दुबे रायसेन रायसेन/ मानसून की विदाई के साथ ही नर्मदा तटों पर रेत माफियाओं की आमद हो गई।
नर्मदा के केतोघान, सितयवन, अलीगंज और बोरास घाट पर बड़े पैमाने पर रेत उत्खनन शुरू हो गया है। यहां रात में तो रेत माफियाओं का मेला सा भरता है। कार्रवाई से बचने के लिए रेत से भरी ट्रॉलियों को गांवों और जंगलों के रास्ते ठिकानों तक पहुंचाया जा रहा है। इसके चलते गांवों की सड़कें छलनी हो रही हैं। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है।
इधर, खनिज विभाग पिछले 15 दिन में रेत से भरी 20 ट्रैक्टर ट्रॉलियों को पकड़ने की बात कर रहा है, लेकिन ये कार्रवाई नाकाफी साबित हो रही है। जिम्मेदारों को भी पता है कि रात में कहां पर और कितनी ट्रॉलियां रेत की उठाई जा रही हैं फिर भी रात में छापामार कार्रवाई से बच रहे हैं। इससे न केवल रेत ठेकेदार के अलावा शासन को भी राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है। रायसेन जिले में रेत की 56 खदाने हैं, जिनका ठेका मैक्स पॉवर कंपनी ने लिया है।
ठेकेदार ने रेत की चोरी रोकने के लिए अपने कर्मचारी भी खदानों पर तैनात किए हैं और कई स्थानों पर अपने नाके भी बनाए हैं, फिर भी स्थानीय दबंग नर्मदा तटों से जबरन रेत भरवा रहे हैं। ठेकेदार के कर्मचारी इसका विरोध करते हैं तो वे झगड़ा करने पर उतारु हो रहे हैं। केतोधान खदान : नर्मदा से उठा रहे रेत, दूसरी जगह कर रहे स्टॉक, 27 नवंबर को यहां लगेगा मेला बरेली से 25 किमी दूर स्थित नर्मदा नदी के खदानें पर रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन बड़े पैमाने पर हो रहा है।
मंगलवार को दैनिक दिव्य गौरव का रिपोर्टर वहां पहुंचा तो यहां 15 से अधिक ट्रालियों में लोग रेत भर रहे थे। ग्रामीणों के अनुसार सोमवार-मंगलवार की रात घाट पर 100 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रालियां थीं। जिनमें सुबह तक रेत भरकर ले गए। दिन में भी 5 से 10 ट्रैक्टर-ट्रॉली रेत भरने के लिए आते हैं, लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।
गांव के रास्ते से रेत से भरी ट्रालियों के निकालने से रास्ता भी खराब हो रहा है। नर्मदा के इस घाट पर 27 नवंबर से 5 दिसंबर तक मेला लगना है, लेकिन अवैध उत्खनन से कई जगह गहरे गहरे गड्ढे हो गए हैं, जिसमें स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को परेशान होना पड़ेगा। बौरास घाटः शाम 7 बजे से भर रहे थे रेत, 11 बजे करते हैं खनन उदयपुरा से 8 किमी दूर स्थित बौरास घाट के पास नर्मदा नदी में मंगलवार की रात 7 बजे रेत भरने के लिए 5 ट्रालियां खड़ी थी।
जिनसे कुछ लोग रेत भरते दिखाई दिए। घाट के पास रहने वाले लोगों ने बताया कि शाम होते ही रेत भरने के लिए ट्राली आने लगती हैं। रात 10 से 11 बजे के बाद भरी हुई ट्रालियां यहां से निकलती है। रोजाना 10 से 15 ट्रालियों में रात के समय रेत भराती है। एक ट्राली 6500 रुपए तक में बेची जा रही है।
नर्मदा तटों से रेत का अवैध परिवहन रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई भी की जा रही है। एसडीएम और तहसीलदार स्तर के अधिकारियों ने बरेली, बाड़ी, देवरी में ही 15 दिनों में 20 ट्रैक्टर-ट्रालियां जब्त कर थानों में खड़ा करवाया है। इसके अलावा खनिज विभाग का अमला भी अपने स्तर पर रेत खदानों पर छापामार कार्रवाई करने के लिए पहुंचा है तो वहीं रास्तों में रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रालियों को भी जब्त करने की कार्रवाई की है।
लगातार की जा रही है कार्रवाई • रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन रोकने के लिए कार्रवाई की जा रही है। बिना रायल्टी वाली ट्रैक्टर-ट्रालियों को जब्त करने की कार्रवाई भी की गई है।
15 दिनों में ही 20 से अधिक ट्रैक्टर- ट्रालियों को पकड़ा है और उन पर जुर्माने की कार्रवाई की है। मंगलवार को भी नकतरा के पास रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्राली को जब्त करके पुलिस चौकी में खड़ा करवाया है। – अर्चना ताम्रकार, खनिज निरीक्षक, रायसेन रेत की चोरी रोकने अपने स्तर पर कर रहे प्रयास रेत खदानों से लोकल के कुछ लोग जबरन रेत भरकर ले जा रहे हैं।
हमने रेत चोरी रोकने के लिए कर्मचारी भी तैनात किए हैं, जो नर्मदा तट से उन्हें रेत भरने से रोकते हैं, तो वे झगड़ा करने लगते हैं। रेत की चोरी होने से हमें नुकसान हो रहा है। – माल्लिकार्जुन, ठेकेदार, मैक्स पॉवर कंपनी