
*जयंती पर सदभावना मंच ने किया महान क्रान्तिकारी आजाद एवं लोकमान्य तिलक को नमन*
खंडवा। सदभावना मंच सदस्यों व्दारा देश के महान क्रान्तिकारी चंद्रशेखर आजाद एवं लोकमान्य तिलक की जयंती पर उनके व्दारा देश की आज़ादी में दिये गये योगदान को याद कर नमन किया गया। यह जानकारी देते हुए मंच के निर्मल मंगवानी ने बताया कि इस अवसर पर छाया चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए संस्थापक प्रमोद जैन ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद का जन्म मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के भाबरा नामक स्थान पर हुआ था। इन्होंने अपना पूरा जीवन देश की आजादी की लड़ाई के लिए कुर्बान कर दिया। चंद्रशेखर बेहद कम उम्र में देश की आजादी की लड़ाई का हिस्सा बने। उन्होंने कभी अपने प्राणों की परवाह नहीं की। वही डा. चौरे ने कहा कि लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक एक भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और एक स्वतन्त्रता सेनानी थे। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के आरम्भिक काल में उन्होंने भारतीय स्वतन्त्रता के लिये नये विचार रखे और अनेक प्रयत्न किये। अंग्रेज उन्हें “भारतीय अशान्ति के पिता” कहते थे। श्री गीते ने कहा कि लोकमान्य तिलक का नारा आजादी मेरा जन्म सिध्द अधिकार है, जो मैं लेकर रहूगा ने भारतीय जनता के दिलों में आजादी की चिंगारी का काम किया। इस मौके पर संस्थापक प्रमोद जैन, पूर्व डीएसपी आनंद तोमर, जगदीशचंद्र चौरे, सुरेंद्र गीते, केबी मंसारे, गणेश भावसार, एनके दवे, राधेश्याम शाक्य, अशोक पारवानी, निर्मल मंगवानी, कमल नागपाल, राजेश पोरपंथ, अर्जुन बुंदेला, आकांक्षा सिसोदिया, दिलीप गंगराडे, मनीष गुप्ता, कैलाश पटेल, सुभाष मीणा आदि सदस्यों ने दोनों महान क्रांतिकारी सैनानियों को अपने विचारों के माध्यम से नमन किया।