Uncategorizedअन्य खबरेताज़ा ख़बरें

भाजपा व बसपा के पुर्व कद्दावर नेता रहे दयांशकर मिश्र ने थामा समाजवादी पार्टी ( साईकिल ) का दामन*


◆कई वर्षों तक भाजपा का झंडा उठाकर चलने वाले दयाशंकर मिश्रा अब पार्टी के विरुद्ध ठोकेंगे ताल
पार्टी के द्वारा लगातार की जा रही उपेक्षा के कारण उठाया उनहोंने यह कदम
काफी दिनों से भारतीय जनता पार्टी से असंतुष्ट रहे दयाशंकर मिश्रा ने दिखाया था बागी तेवर,कुछ दिन पूर्व वो बसपा मे शामिल हुए थे और बस्ती लोकसभा 61 के सीट से उम्मीदवार भी थे और उन्होंने अपना नांमाकन भी कर रखा था लेकिन नामांकन के आखिरी वक्त पर उनका टिकट काट कर किसी अन्य को दे दिया गया जिससे आहत होकर उन्होंने अखिलेश यादव की अध्यक्षता मे तथा महेन्द्र यादव( विधायक बस्ती सदर ), त्रयंबक पाठक ( पूर्व ब्लॉक प्रमुख परसरामपुर) ,कौशलेंद्र प्रताप सिंह ( नगरपचांयत अध्यक्ष हरैया ) तथा प्रवीन पाठक ( युवा नेता ) की उपस्थिति मे उन्होंने समाजवादी पारटी(साईकिल )का दामन थाम लिया ।

◆आपको बताते चले कि दयाशंकर मिश्रा लगभग 35 वर्षो से भाजपा के विभिन्न संगठनों में रहते हुए विभिन्न पदों पर कार्य कर पार्टी को किया था मजबूत
ये अयोध्या साकेत महाविद्यालय के अध्यक्ष, तथा गोरखपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष भी रह चुके है ।
◆साफ सुथरी छवि के नेता के रूप में दयाशंकर मिश्रा की है पहचान
वही उन्होंने बताया कि समाजवादी चिंतक डॉ. राममनोहर लोहिया मेरे राजनीतिक जीवन में सदैव प्रेरक रहे,क्योंकि उन्होंने धर्म और राजनीति को एक ही बताया था।उन्होंने कहा था धार्मिक होकर ही जनहित की राजनीति हो सकती है और जनहितकारी राजनीति से बड़ा कोई धर्म नहीं।यही बात मेरे जैसे धर्मपरायण राजनैतिक व्यक्ति को उनसे सदैव जोड़ती थी।उन्होंने कहा था *‘राजनीति अल्पकालिक धर्म है और धर्म दीर्घकालिक राजनीति।’*
आज उनके कथन को आत्मसात करते हुए मुझे लगता है कि अपने राजनैतिक जीवन में अल्पकालिक धर्म तो मैंने सदैव निभाया है,अब समाजवादी बनकर दीर्घकालिक राजनीति में प्रवेश का अवसर आ गया है।
मेरे देश समाज के लिए मेरा लोहियावादी अंतरतम आज से प्रत्यक्ष रूप में लोहियावादी समाजवाद के लिए मुखर रहेगा।

Show More
Back to top button
error: Content is protected !!