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फलोदी जिले के मंडला कल्ला ग्राम के पाठ्य-पुस्तक विक्रेता भामाशाह पुनाराम सुथार की अनुठी पहल

पढ़ने वाले बच्चों का पिता नहीं हैं उनको पुनाराम सुथार के पुत्र श्रवण कुमार सुथार दे रहे हैं नि शुल्क पाठ्य पुस्तक सामग्री वाकायदा दुकान की मुख्य दरवाजे पर लगा रखा है नि शुल्क पाठ्य पुस्तक बैनर

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फलोदी जिले के मंडला कल्ला में भामाशाह पुनाराम सुथार के पुत्र श्रवण कुमार सुथार की अनुठी पहल देखने को मिलीं आप ने बहुत बार देखा गया है कि हर दुकान के मुख्य गेट पर अलग-अलग स्कीम, दुकान का नाम देखने को मिला है लेकिन पुनाराम सुथार की दुकान पर क्या लिखा है आप भी देखें
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श्रवण कुमार ने बताया कि मैं मेरी दुकान पर बैठा था तो 2020/में एक महिला मेरी दुकान पर आतीं हैं तथा पाठ्य पुस्तकें की खरीद करने के बाद जैसे ही भुगतान के लिए कुल बिल 1900 रुपए बनता है लेकिन महिला के पास मात्र 500 रूपए ही होता है और मुझसे रिक्वेस्ट करती है कि लड़की के पापा नहीं है और कोई कमाने वाला नहीं है मैं गरीब हूं बस मेरे पास ओर रुपए नहीं हैं आप ये रुपए ले लो बस जिस दिन से लगातार मन में ठानी की मैं जिसके पिता नहीं रहे उसके कभी पाठ्य पुस्तक के रूपये नहीं लुंगा ये सभी बातें में घर पर जाकर मेरे पिता पुनाराम, माता गंगा देवी को बताईं तो तुरंत मुझे मदद करने को कहा गया लेकिन मैंने तो उस महिला को 500रुपये भी वापस कर दिया था और किताब भी फ्री में देदी गई लेकिन मेरे माता-पिता की प्रेरणा से उसी दिन से लगातार आस पास के विधालय में फोन करके बताया गया कि जिसके पिता नहीं हैं उनको में नि शुल्क पाठ्य पुस्तकें दुंगा शुरुआत में तो चालीस हजार रूपए के लगभग खर्चा आता था लेकिन अब वर्ष में एक लाख रुपए खर्चा आता है तथा में भगवान से प्रार्थना करता हूं कि मुझे माता पिता का आशीर्वाद से गरीब परिवार की मदद करने में आगे बढ़ावें में खुश हु कि मेरी छोटी सी पहल से किसी को संबल मिलें तथा पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य उज्जवल हो
रिपोर्टर श्यामलाल वन्दे भारत न्यूज़ फलोदी

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