रेबीज की रोकथाम के लिए एंटी रेबीज टीका अवश्य लगवाऐं -शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा रेबीज एक वायरल बीमारी है। यह वायरस रेबीज से पीड़ित जानवरों जैसे कुत्ता, बिल्ली, बंदर आदि की लार में मौजूद होता है।यह रेबडोविरिडे फैमिली के लिसावायरस जीनस के रेबीज वायरस के कारण होता है। यह एक आरएनए वायरस है। आंकड़ों के मुताबिक इंसानों में करीब 99 फीसदी मामले कुत्ते के काटने से होते हैं। रेबीज 100 प्रतिशत घातक है तथा टीके के माध्यम से इसका 100 प्रतिशत रोकथाम किया जा सकता है।थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन, डॉ आरके सिंह, डॉ अनीता चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार ने रेबीज की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया है।
भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने भी संबंधित अधिकारियों से कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए उचित कार्रवाई करने और पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम, 2023 को प्रभावी ढंग से लागू करने का अनुरोध किया है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, डॉ अमित गुप्ता, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन आदि ने कहा कि
कुत्ते के काटने के मामलों में वृद्धि के साथ, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की आवश्यक दवा सूची के तहत एंटी-रेबीज शॉट्स को शामिल करने का निर्णय लिया है। कुत्तों के काटने के लगभग 75% मामले आवारा कुत्तों के कारण होते हैं। जबकि सभी कुत्तों के काटने से रेबीज संक्रमण नहीं होता है, कुत्तों द्वारा काटे गए व्यक्तियों को आमतौर पर रेबीज से बचने के लिए एंटी-रेबीज टीका उपचार कराने की सलाह दी जाती है।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ