
*ये आकाशवाणी का उज्जैन केंद्र है … जल्द ही सुनने को मिलेगा*
🎇 त्रिलोक न्यूज़ चैनल
उज्जैन : 08 जुलाई , 2025
उज्जैन में आकाशवाणी केंद्र प्रारंभ किए जाने सैद्धांतिक सहमति हो गई है। नईदिल्ली में केंद्रीय सूचना तथा प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरूगन ने “सिंहस्थ: 2028” दृष्टिगत शीघ्र से शीघ्र उज्जैन में आकाशवाणी केंद्र प्रारंभ करने का आश्वासन दिया। केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. मुरूगन ने इसकी सहमति एवं आवश्यक प्रक्रिया प्रारंभ करवाने के लिए आश्वस्त किया। स्टूडियो का निर्माण होने तक उज्जैन केंद्र के प्रसारण की व्यवस्था आकाशवाणी इंदौर के माध्यम से किए जाने के प्रयास भी किए जाएंगे।
सरकार के उपक्रम बंगलौर के बीईएमएल लि. के अत्याधुनिक रेल कोच विनिर्माण संयंत्र का शिलान्यास प्रदेश के रायसेन जिले में शीघ्र किया जाएगा। इसके लिए लगभग 1800 करोड़ रूपए का निवेश किया जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार, रेल मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की भागीदारी रहेगी।
केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी से इस संयंत्र के शिलान्यास का अनुरोध किया गया है। केंद्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश शासन ने रायसेन जिले में इस संयंत्र की स्थापना के लिए लगभग 60 हेक्टयर भूमि का आवंटन कर दिया है। यह संयंत्र लगभग डेढ़ हजार लोगों को रोजगार दिलवाने में भी सहायक होगा। यह संयंत्र देश के रेल कोच संयंत्रों के मानचित्र में विशेष स्थान बनाएगा।
नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नई पहल
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की भावना के अनुसार नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा काम किया जा रहा है। सभी प्रकार की नवकरणीय ऊर्जा जैसे सौर, पवन और पंप स्टोरेज सभी पर काम कर रहे हैं। पूरे देश में मध्यप्रदेश ही ऐसा राज्य है जो सबसे सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध करवा रहे हैं, जिससे नई दिल्ली में मेट्रो ट्रेन चल रही हैं। राज्य के 32 लाख किसानों के लिए सोलर पैनल लगाकर देंगे जिससे भविष्य में किसान स्वयं की बिजली उत्पन्न कर सकें। इससे लगभग 18 हजार करोड़ की सब्सिडी के भार से राज्य सरकार मुक्त हो सकेगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कुसुमश्री योजना में ए-बी-सी- तीनों श्रेणियों में मध्यप्रदेश सरकार काम कर रही है।
केन्द्रीय नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी से चर्चा हुई। नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में और अच्छी प्रगति होने वाली है। भविष्य में स्थापित होने वाले सोलर पार्क, जो लगभग 4200 मेगावाट क्षमता के होंगे, नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की महत्वपूर्ण उलब्धि बनेंगे। इसके अलावा उत्तरप्रदेश के साथ 2 हजार मेगावाट से सोलर इनर्जी के स्रोत विकसित होंगे जिससे दोनों राज्य 6-6 महीने आपस में बिजली का बंटवारा भी करेंगे।
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