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रक्षाबंधन पर्व पर मुनियों की पिच्छी पर श्रावकों ने बांधे रक्षा सूत्र

श्रेयांसनाथ नाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक पर श्रद्धालुओं ने चढ़ाया लाडू ,की हजार दीपक से आरती।

रक्षाबंधन पर्व पर मुनियों की पिच्छी पर श्रावकों ने बांधे रक्षा सूत्र

श्रेयांसनाथ नाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक पर श्रद्धालुओं ने चढ़ाया लाडू ,की हजार दीपक से आरती।

खंडवा । श्रावण शुक्ल पूर्णिमा के पावन दिवस जैन दर्शन के अनुसार विष्णु कुमार मुनिराज ने 700 मुनियों पर आए उपसर्ग को दूर कर रक्षा की थी ,समस्त मुनियों ने सूत का रक्षा सूत्र इस अवसर पर मुनिश्री को समर्पित किया। यह उद्गार रक्षाबंधन एवं भगवान श्रेयांशनाथ के मोक्ष कल्याणक दिवस पर प्रवचन देते हुए उपाध्याय विश्रुत सागर महाराजजी ने व्यक्त किए। उपाध्याय श्री ने कहा कि जैन दर्शन अनुसार रक्षाबंधन केवल भाई बहन का ही नही वरन् गुरु-शिष्य, भक्त-भगवान, समस्त संबंधियों के परस्पर वात्सल्य एवं रक्षा की भावना का पर्व है। भक्त गुरु की पिच्छी में , भगवान के मंदिर में भक्ति सहित सूत का धागा समर्पित कर सुख,शांति और शरण की कामना करते हैं, कोई भी धार्मिक त्योहार हमें जगाने के लिए आते हैं धर्म और संस्कृति के अनुसार हम त्योहार मनाए एवं हमारी युवा पीढ़ी को भी त्योहारो का महत्व बताएं। समाज के सचिव सुनील जैन ने बताया की श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन पर्व के साथ ही जैन धर्म के ग्यारहवें तीर्थंकर श्रेयांसनाथ भगवान का निर्वाण दिवस भी है । इस अवसर पर श्री जी के अभिषेक के साथ शांतिधारा की गई एवं श्री जी के समक्ष जैन युवा विहार ग्रुप के द्वारा पूजा कर लाडू समर्पित किया, एवं हजारों दीपक जलाए गए। आयोजित कार्यक्रम मे सभी के कल्याण हेतु सहस्त्रनाम शांतिधारा अपूर्व जैन परिवार द्वारा की गई। मुनि सेवा समिति के प्रचार मंत्री सुनील जैन, प्रेमांशु चौधरी ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व के अनोखे कार्यक्रम मे विश्रुत सागर जी महाराज की पिच्छी मे रक्षा सूत्र बांधने का सौभाग्य ब्रह्मचारी अर्पित भैया परिवार ने प्राप्त किया। निर्वेद सागर जी महाराज की पिच्छि पर रक्षा सूत्र बांधने का सौभाग्य विमला दौलतराम जैन परिवार को प्राप्त हुआ साथ ही उपस्थित श्रद्धालुओं ने मुनि संघ के दर्शन कर पिच्छी पर रक्षा सूत्र बांधा। उल्लेखनीय है कि दिगंबर जैन मुनि अपने पास सिर्फ पिच्छि और कमंडल रखते हैं, पिच्छी जो जीव जंतुओं की रक्षा के लिए होती है। शुद्धी के लिए कमंडल रखते हैं, इसीलिए श्रद्धालु शहर में विराजमान मुनियों की पिच्छी पर अपने हाथों से रक्षा सूत्र बांधकर मुनियो से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। रक्षाबंधन पर्व पर मुनियों के आहार का विशेष महत्व है । रक्षाबंधन पर्व पर मुनि संघ की आहारचर्या माणकचंद प्रियंका
शीशोर जैन, मंजुला राजकुमार जैन, ऋषिका राहुल जैन परिवार के सहयोग से संपन्न हुई। पूज्य मुनिसंघ ने इस अवसर पर समस्त उपस्थित श्रावकगणों को प्रवचन द्वारा उपकारित किया । कार्यक्रम में संगीतमय पूजन कर रक्षाबंधन एवं निर्वाण महामहोत्सव आनंदपूर्वक मनाया गया।
कार्यक्रम में समाज के अध्यक्ष वीरेंद्र भट्यांण, मुनि सेवा समिति के अध्यक्ष विजय सेठी, दिलीप पहाड़िया, अविनाश जैन,पंकज जैन महल, पंकज सेठी, नीरज बैनाड़ा,कांतिलाल जैन, कैलाश पहाड़िया, चिंतामण जैन, सुनील जैन, प्रेमांशु चौधरी, डॉ पंकज जैन,सौरभ जैन,विकास बड़जात्या, रोहन सेठी सहित बड़ी संख्या में सामाजिक बंधु उपस्थित थे।

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