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श्री दादाजी धूनीवाले जिला चिकित्सालय में उचित उपचार से फैजान की बचाई गई जान

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श्री दादाजी धूनीवाले जिला चिकित्सालय में उचित उपचार से फैजान की बचाई गई जान

खण्डवा//फैजान पिता रईस खान उम्र 6 माह ग्राम चारखेड़ा, खंडवा के खेलते समय एल.ई.डी. लाइट मुंह में चली गई और दुर्भाग्य वश वह गले में अटक गई। माता-पिता तुरंत बच्चे को तड़पता देख श्री दादाजी धूनीवाले जिला चिकित्सालय सह नंदकुमार सिंह चौहान शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय खंडवा के पिकु वार्ड में शुक्रवार को गंभीर अवस्था में लेकर आए थे। उसे ड्यूटी डॉ. सारिका बघेल द्वारा देखा गया। बच्चा नीला पड़ चुका था और सांस लेने में अत्यधिक तकलीफ हो रही थी। एक्स-रे करने पर एल.इ.डी. लाइट बच्चे की सांस नली में अटकी दिखाई दी। मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गरिमा अग्रवाल एवं उनकी टीम जिसमें डॉ. प्रियंका बोरदिया, डॉ. सारिका बघेल एवं पी.जी. डॉक्टरों के निगरानी में त्वरित उपचार शुरू किया। सी.पी.आर. देने के पश्चात नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील बाजोलिया एवं डॉ. सुमित द्वारा एल.इ.डी. लाइट सफलता पूर्वक निकाली गई। डॉ. गरिमा अग्रवाल शिशु रोग विशेषज्ञ द्वारा बताया कि एल.ई.डी. लाइट निकालने के बाद भी बच्चे की हालत नाजुक थी। उसे बिना देर किए लगातार तीन दिन तक वेंटिलेटर पर रखा। हीमोग्लोबिन 9 ग्राम था तुरंत रक्त की व्यवस्था कर एक यूनिट खून चढ़ाया और डॉक्टरों की टीम लगातार बच्चे की निगरानी के साथ ऑक्सीजन के स्तर को नियंत्रित कर रहे थे। स्थिति में सुधार होने पर वेंटिलेटर से हटाकर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया एवं नली के द्वारा बच्चे को खुराक शुरू की गई। अभी पिछले 24 घंटे से बच्चे को ऑक्सीजन से हटा दिया गया है और बच्चा मां का दूध पी रहा है। बच्चे के बड़े पिताजी वाहिद खान द्वारा बताया कि बच्चे के मुँह में एलइडी लाइट चली गई थी। हमने निकालने की कोशिश की परंतु नहीं निकल पाई तुरंत उसे अस्पताल लेकर आए। हमें उम्मीद नहीं थी कि बच्चा बचेगा परंतु डॉक्टरों की पूरी टीम द्वारा कड़ी मेहनत कर बच्चे को बचाया। उन्होंने सिविल सर्जन डॉ. अनिरुद्ध कौशल सहित पूरी टीम को तहे दिल से धन्यवाद दिया।

 

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