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चल रहे लोकसभा सत्र में चार दिनों में ही दो बार सांसद श्री पाटिल की सक्रियता के चलते उन्हें दो बार लोकसभा में बोलने का मौका प्राप्त हुआ,

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चल रहे लोकसभा सत्र में चार दिनों में ही दो बार सांसद श्री पाटिल की सक्रियता के चलते उन्हें दो बार लोकसभा में बोलने का मौका प्राप्त हुआ,
संसदीय क्षेत्र में केले की फसल को लेकर किसानो की चिंता को देखते हुए अपनी बात रखी,

खंडवा।। निर्वाचित जनप्रतिनिधि का दायित्व होता है कि चुनाव में विजय श्री प्राप्त करने के पश्चात क्षेत्र की जनता एवं क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करना, खंडवा लोकसभा क्षेत्र के सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल द्वारा लगातार संसदीय क्षेत्र में विकास कार्य करवाए जा रहे हैं, संसदीय क्षेत्र की जनता से जुड़े मामलों को लेकर भी अपनी बात लोकसभा में उठाते हैं, प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि मंगलवार को सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने खंडवा संसदीय क्षेत्र में केले की फसल को लेकर अपनी बात लोकसभा में रखी केले की फसल प्रतिवर्ष मौसम बदलाव तेज गर्मी एवं प्राकृतिक आपदा के कारण किसान भाइयों को लाखों रुपए का नुकसान हो जाता है जिसको लेकर सांसद श्री पाटिल ने मौसम आधारित फसल बीमा लागू करने की मांग लोकसभा में रखी, प्रदेश के खंडवा संसदीय क्षेत्र में केला किसानों को जल्द ही मौसम आधारित फसल बीमा योजना का लाभ मिलने की उम्मीद जगी है। लोकसभा में मंगलवार को खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने यह मुद्दा उठाया, जिस पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।बता दें कि, क्षेत्र में लगभग 60 हजार एकड़ में केले की खेती होती है, जो प्रदेश में सर्वाधिक है। पिछले वर्ष तेज हवा, आंधी और बारिश से किसानों की करोड़ों की फसल बर्बाद हो गई थी।वर्तमान में केले की फसल के नुकसान पर राज्य सरकार 2 लाखरुपए प्रति हेक्टेयर की दर से राहत राशि देती है।कृषि मंत्री ने दिया आश्वासन सांसद पाटिल के सवाल पर कृषि मंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और बागवानी फसलों के लिए मौसम आधारित बीमा योजना राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार लागू करती है। उन्होंने राज्य सरकार से चर्चा कर जल्द ही योजना को लागू करने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि, महत्वपूर्ण सुधार करते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि फसल नुकसान की रिपोर्ट राज्य सरकार द्वारा भेजने के बाद यदि बीमा कंपनियां भुगतान में देरी करती हैं, तो उन्हें 12 प्रतिशत ब्याज देना होगा।सामान्यतः फसल नुकसान के एक महीने बाद राज्य सरकार केंद्र को रिपोर्ट भेजती है, जिसके बाद दावों का भुगतान कियाजाता है। प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि बड़ी बात है कि सांसद श्री पाटिल की सक्रियता के कारण चल रहे बजट सत्र के दौरान दोनों  दिनों में ही दो बार अलग-अलग विषयों को लेकर सांसद श्री पटेल द्वारा चर्चा की गई, सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने लोकसभा में अपने एवं समूचे संसदीय क्षेत्र की जनता की ओर से मा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं सरकार के किसान हितैषी कृषि मंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान जी का अत्यंत आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने प्रत्युत्तर संवाद में इस विषय पर प्रभावी रूप से अपना वक्तव्य दिया।

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