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ठंड के प्रभाव को देखते हुए मंदिर में भगवान को भी पहनाए गए ठंड से बचाव के लिए उनी वस्त्र,

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ठंड के प्रभाव को देखते हुए मंदिर में भगवान को भी पहनाए गए ठंड से बचाव के लिए उनी वस्त्र,

खंडवा।। शहर के तापमान में लगातार गिरावट आ रही है जिसकी वजह से अब ठंड बढ़ती जा रही है , वैसे इस ठंड से बचने के लिए इंसान रजाई ओढ़ लेता है ,स्वेटर पहन लेता है, ठंड के बचाव के अन्य वस्त्र पहन लेता है लेकिन भगवान अपने आप स्वेटर नहीं पहन सकते है, इसलिए भगवान के भक्तों ने भगवान को ठंड से बचाने का अनोखा तरीका अपनाया है, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि वर्षों से ठंड के समय बुधवार स्थित श्री सत्यनारायण मंदिर में भगवान को ठंड से बचाव के वस्त्र बनाए जाते हैं, इस वर्ष भी मंदिर की पुजारी अमित दादीच द्वारा भगवान को ऊनी वस्त्र पहनाए गए जिससे भगवान को ठंड ना लगे, समाजसेवी सुनील जैन नारायण बाहेती ने बताया कि भक्तों की यह आस्था देखते ही बनती है , दअरसल के खंडवा में ठंड बढ़ने के कारण कई मंदिरों में भगवान को भी कपड़े पहनाए गए जिसमें ऊनी वस्त्र और जैकेट , साल रहती है , जिससे भगवान को भी ठंड ना लगे , खंडवा के सत्यनारायण मंदिर में सभी भगवानों को ठंड से बचाने के लिए टोपी भी लगाई जाती है मंदिर के पुजारी अमित दाधीच का कहना है कि भगवान में भी प्राण होते हैं और उन्हें भी ठंड लगती है इसलिए हमने ज्यादा ठंड पड़ने पर भगवान को भी ऊनी वस्त्र पहनाए है जिससे भगवान को भी ठंड ना लगे यह परंपरा पिछले 150 सालों से चली आ रही है इस मंदिर में , ठंड का प्रकोप प्रतिवर्ष की तुलना में इस वर्ष ज्यादा है , इसलिए हर बार से की तरह ईश्वर सभी भगवान को ठंड से बचने के लिए कपड़े पहने गए क्योंकि भगवान के प्रति भक्तों की गहरी आस्था होती है और जिस तरह मनुष्य को तकलीफ होती है ठीक उसी तरह भगवान को भी इन तकलीफों से गुजरना पड़ता है उन्हें भी ठंड लगती है इसलिए एक भक्त का दायित्व होता है कि भगवान की अच्छे से देखभाल करें और इसी को देखते हुए हम लोगों ने आज सत्यनारायण मंदिर में भगवान को ठंड से बचाने के लिए कपड़े पहनाये , इसमें भगवान को कोट मफ़लर ,साल और टोपी पहनाई गई , वही जब भगवान शयन करेंगे तब पलंग लगाया जाता है और चादर ओढ़ाकर भगवान को सुलाया जाता है , यह क्रम हर मौसम के हिसाब से किया जाता है , ऐसा ही गर्मी के समय भी किया जाता है गर्मी के समय जब अत्यधिक गर्मी होती है तब एसी लगाया जाता है ताकि भगवान को गर्मी ना हो , भगवान का हर सीजन में ख्याल रखा जाता है । यह मंदिर 150 वर्ष पुराना है और भगवान की बड़ी कृपा है पूरे शहर पर ।

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