सिद्धार्थनगर। विद्युत उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। मीटर की गड़बड़ी व अधिक बिजली बिल आने की समस्या जल्द ही दूर होगी। साथ ही जितना बिजली जलाएंगे, उतना ही बिल आएगा। माह की दर से तय बिल नहीं लिया जाएगा। यह सब होगा स्मार्टमीटर से। जिले में 82 करोड़ की लागत से उपभोक्ताओं के यहां बिजली के मीटर लगाए जाएंगे। इसके साथ ही विद्युत ट्रांसफार्मर पर कैपेसिटर बैंक लगाया जाएगा, जिससे लाइन लॉस भी दूर होगी। मीटर लगाए जाने के लिए सर्वे का काम आखिरी दौर में है। इसके बाद बाद मीटर लगाने का कार्य शुरू हो जाएगा।
बिजली हर व्यक्ति की जरूरत हो गई है। क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक सामान का उपयोग हर कोई कर रहा है। विभिन्न योजनाओं के जरिए लगभग हर गांव टोला, और मजरे तक बिजली पहुंच गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा समय में जिले में 3.96 लाख विद्युत उपभोक्ता हैं। विद्युत मीटर के लगने के बाद बिजली बिल में लगातार गड़बड़ी की शिकायत आ रही हैं। मीटर लगने के बावजूद नियमित दर से कई गुना बिजली का बिल आ रहा है। जिससे उपभोक्ता परेशान हैं। बढ़े हुए बिजली बिल को सही कराने में कार्यालय का चक्कर लगाकर उपभोक्ताओं के जूते घिस जा रहा है। मीटर में गड़बड़ी करके बिजली के बिल के सुधार के नाम पर उपभोक्ताओं की शिकायतें लगातार सामने आती हैं। शासन की ओर से इन शिकायतों पर विराम लगाने की कवायद शुरू हो गई है। बिजली बिल में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। 82 करोड़ रुपये की लागत से मीटर और ट्रांसफार्मर पर कैपेसिटर लगाया जाएगा। इसके सर्वे कार्य आखिरी चरण में हैं। इसके बाद मीटर लगाने का कार्य शुरू हो जाएगा। मीटर सभी 3.96 लाख उपभोक्ताओं के घरों पर लगेगा।
नये मीटर की खासियत
स्मार्टमीटर में उपभोक्ता जितनी बिजली जलाएंगे उतना ही बिल आएगा न की अधिक बिजली रीडिंग में दिखाए। मीटर भी सही चलेगा। जैसे माह का अगर घरेलू 500 रुपये निर्धारित है तो बिना जलाए उतने का उपभोक्ता को हर माह भुगतान करना होता था। लेकिन इसमें जितना जलाएंगे, उतना ही बिल आएगा। मिनट टू मिनट भी उपभोग के बारे में देख सकेंगे।
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कार्यालय से काट सकेंगे कनेक्शन
स्मार्टमीटर में एक और खासियत है। इसमें लोकेशन लगा हुआ हैै। अगर उपभोक्ता बिजली बिल का भुगतान नहीं करते हैं तो घर जाकर कनेक्शन काटने की जरुरत नहीं है। कार्यालय में बैठकर विद्युतकर्मी मीटर का नंबर डालेंगे, इसके बाद किसी ट्रांसफार्मर और पोल से कनेक्शन है और लोकेशन क्या है। इसकी जानकारी वहीं से लेकर बिजली कनेक्शन काट देंगे।
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पुराने मीटर में इस प्रकार होती थी गड़बड़ी
बिजली के पुराने मीटर में बड़ा खेल होता है। इसमें उपभोक्ता के रीडिंग को एकाएक रोक दिया जाता है। इसके बाद हर माह के बजाए तीन से चार माह यहां तक पांच माह तक बिल नहीं निकालते थे। एकाएक जब निकालते तो रीडिंग कई गुना बढ़ा दी जाती है। बिल आते ही उपभोक्ता घबरा उठता है। फिर बिल सही करने के नाम पर उसका शोषण होता है। जो कि स्मार्टमीटर लगने पर नहीं होगा।
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लॉस नहीं होगी बिजली
जिले में 50 हजार से अधिक ट्रांसफार्मर पर कैपेसिटर बैंक लगाया जाएगा। इससे एकाएक अधिक बिजली आपूर्ति होने और बिजली लॉस होने की समस्या दूर होगी। वहीं, हर उपभोक्ता को बराबर बिजली मिलेगी। लो और अधिक वोल्टेज की समस्या दूर होगी। इसके कारण होने वाले उपकरण की क्षति में कमी आएगी।