ताज़ा ख़बरें

नाम सप्ताह पर्व के दौरान विट्ठल विट्ठल नाम स्मरण से गूंज रहा है प्राचीन विट्ठल मंदिर,

एकादशी के दिन विट्ठल मंदिर में हजारों की संख्या में मातृ शक्ति ने उपस्थित होकर दर्शन कर भजनों का आनंद लिया,

नाम सप्ताह पर्व के दौरान विट्ठल विट्ठल नाम स्मरण से गूंज रहा है प्राचीन विट्ठल मंदिर,

एकादशी के दिन विट्ठल मंदिर में हजारों की संख्या में मातृ शक्ति ने उपस्थित होकर दर्शन कर भजनों का आनंद लिया,

प्रदेश का पहला मंदिर जहां पर्व के दौरान 7 दिनों तक 24 घंटे अखंड भजनों की होती है प्रस्तुतियां,

खंडवा।। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन प्रातः काल से रात्रि तक विट्ठल मंदिर में श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहा बड़ी संख्या में मातृशक्ति ने भी उपस्थित होकर भगवान के दर्शन कर भजनों का आनंद लिया। प्रदेश का पहला प्राचीन विट्ठल मंदिर है जहां नाम सप्ताह पर्व के दौरान 7 दिनों तक 24 घंटे अलग-अलग भजन मंदिरों द्वारा संगीतमय भजनों की प्रस्तुतियां दी जा रही है। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि घंटाघर स्थित प्राचीन विट्ठल मंदिर में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी नाम सप्ताह पर्व का आयोजन प्रारंभ हो चुका है। प्रति दिन राम श्याम आष्टेकर परिवार द्वारा विट्ठल भगवान का श्रृंगार एवं आरती की जा रही है वही 24 घंटे खंडवा एवं ग्रामीण क्षेत्र की अलग-अलग भजनों द्वारा भजनों की प्रस्तुति उत्साह के साथ प्रस्तुत की जा रही है। दोपहर 1 से 3 शहर के अलग अलग महिला मंडल आकर उत्सव को सफल बना रही है
उत्सव में भजन कीर्तन गायन के साथ साथ श्रोता भक्त भाव विभोर होकर नृत्य का रहे है , सभी मंडल में बालक बालिका कृष्ण रुक्मणि वेशभूषा में तैयार होकर नाचते दिखते है तो कभी किसी मंडल में फुगड़ी खेलते दिखाई पड़ता है। सुनील जैन ने बताया कि विट्ठल मंदिर में शहर के कई अलग अलग हिन्दू समाज के लोग आकर उत्सव को बहुत आनंद पूर्वका मना रहे है। उत्सव में प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में भगवान का आकर्षक श्रृंगार होता है। 6 जुलाई रविवार को विट्ठल मंदिर में आषाढी एकादशी मनाई गई । इसे देवशयनी एकादशी भी कहा जाता है, भगवान विट्ठल ( श्री कृष्ण का एक रूप) के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पंढरपुर में वारी (तीर्थयात्रा) की शुरुआत का प्रतीक है, जो चातुर्मास के दौरान होती है, जिसमें भक्त भगवान की पूजा और भक्ति में खुद को समर्पित करते हैं. आषाढी एकादशी यह दिन भगवान विट्ठल के प्रति गहरी भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। एकादशी के दिन रविवार को विट्ठल मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ ही हजारों की संख्या में मातृशक्ति ने उपस्थित होकर भगवान विट्ठल रुखमाई के दर्शन कर महिला मंडल द्वारा गाए जा रहे भजनों का आनंद लिया।

Show More
Back to top button
error: Content is protected !!