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¨उच्च शिक्षा विभाग एवं मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार शासकीय आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ में “भारतीय ज्ञान परंपरा” कार्यक्रम के अंतर्गत भाषण प्रतियोगिता एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर दीपक रावल के मार्गदर्शन में किया गया! महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. दीपक रावल ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा से हमें भारत के संस्कृति को पहचाने का अवसर मिलता है , जो आज पाश्चात्य संस्कृति के कारण विलुप्त होने की कगार पर है! महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी डॉ ब्रह्म प्रकाश ने भारतीय ज्ञान परंपरा की उपयोगिता के बारे में बताया कि यह हमारे जीवन जीने का आधार है , भारतीय ज्ञान परंपरा हमें जीवन की कला सिखाती है ! प्रो. रितु विश्वकर्मा ने भारतीय ज्ञान परंपरा को हमारे जीवन शैली बताया है और उसका अनुसरण करने पर हम उसके उच्च आदर्शो को स्थापित कर एक श्रेष्ठ जीवन जी सकते हैं ! भाषण प्रतियोगिता का विषय भारतीय ज्ञान परंपरा में ऋषि मुनियों संतों एवं गुरुओं का महत्व पर आयोजन किया गया प्रथम पुरस्कार राहुल कतीजा द्वितीय पुरस्कार बहादुर सिंह एवं तृतीय पुरस्कार सुंदरी भूरिया को दिया गया तथा निबन्ध प्रतियोगिता “भारतीय ज्ञान परंपरा की प्रासंगिकता” विषय पर आयोजन किया गया जिसमे प्रथम पुरस्कार विकास कटारा , द्वितीय पुरस्कार जेनिफर बारिया, एवं तृतीय पुरस्कार संजय बाबेरिया को प्राप्त हुआ! कार्यक्रम का संचालन प्रो मुकेश बघेल द्वारा किया गया ! इस अवसर पर प्रो. मुकेश सूर्यवंशी,प्रो प्रगति मीमरोत, प्रो. जगदीश पावरा, प्रो. केसर ठाकुर , प्रो. करिश्मा आवासे, प्रो पूजा जैन, डॉ. पूजा बघेल ,डॉ. धीरज माली, प्रो. वंदना पारकर डॉ. शर्मा बघेल , प्रो. जगदीश पावरा , डॉ दिलीप कुमार परसेंडिया , क्रीड़ा अधिकारी कोमल बारिया प्रो. जितेंद्र कौरव, डॉ योगेश जायसवाल, प्रो. पार्वती भाबोर, डॉ.अंतिम बाला डाबर, प्रो. प्रियंका डुड़वे प्रोफेसर विजित मेश्राम आदि उपस्थित रहे, अंत में आभार प्रो. जितेंद्र नायक द्वारा माना गया!