निलेश सुरेश मोकले -मुंबई [महाराष्ट्र ]
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में भूमि संबंधी विवाद के कारण मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के एक नेता को गोली मारकर घायल करने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक विधायक को गिरफ्तार किया गया है. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दत्तात्रेय शिंदे ने मीडिया को बताया कि कल्याण से बीजेपी के विधायक गणपत गायकवाड़ ने शुक्रवार रात उल्हासनगर इलाके में हिल लाइन पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक के कक्ष के अंदर शिवसेना की कल्याण इकाई के प्रमुख महेश गायकवाड़ पर गोलियां चलाईं.
क्या बोले बीजेपी विधायक?
गणपत गायकवाड़ ने अपनी गिरफ्तारी से पहले एक समाचार चैनल से फोन पर कहा कि उनके बेटे को पुलिस थाने में पीटा जा रहा था इसलिए उन्होंने गोली चलाई. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र में ‘‘अपराधियों का साम्राज्य’’ स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. महेश गायकवाड़ को पहले एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें ठाणे स्थित एक निजी चिकित्सा केंद्र ले जाया गया.
शिवसेना की कल्याण इकाई के प्रभारी गोपाल लांडगे ने कहा, ‘‘उनका (महेश गायकवाड़ का) ऑपरेशन सफल रहा.’’अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दत्तात्रेय शिंदे के मुताबिक, गणपत गायकवाड़ का बेटा जमीन संबंधी विवाद के सिलसिले में शिकायत दर्ज कराने पुलिस थाने आया था, तभी महेश गायकवाड़ अपने लोगों के साथ वहां पहुंचे. बाद में गणपत गायकवाड़ भी थाने पहुंचे.
झगड़े का कारण क्या था?
अधिकारी ने बताया कि विधायक और शिवसेना नेता के बीच झगड़े के दौरान गणपत गायकवाड़ ने वरिष्ठ निरीक्षक के कक्ष के अंदर महेश गायकवाड़ पर कथित तौर पर गोलियां चलाईं, जिससे वह और उनका सहयोगी घायल हो गए. गणपत गायकवाड़ ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘हां, मैंने खुद (उन्हें) गोली मारी. मुझे कोई पछतावा नहीं है. अगर मेरे बेटे को पुलिस थाने के अंदर पुलिस के सामने पीटा जा रहा है, तो मैं क्या करूंगा.’’ उन्होंने दावा किया कि उन्होंने पांच गोलियां चलाईं. बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ‘‘महाराष्ट्र में अपराधियों का साम्राज्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं.’’ बीजेपी और शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हैं. पुलिस ने गणपत गायकवाड़ के अलावा दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है.
क्या जमीन विवाद था कारण?
गणपत गायकवाड़ ने गोलीबारी की वजह बने जमीन विवाद के बारे में कहा कि उन्होंने 10 साल पहले एक भूखंड खरीदा था. उन्होंने कहा कि कुछ कानूनी मसले थे लेकिन उन्होंने अदालत में मामला जीत लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि महेश गायकवाड़ ने इस पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया. विधायक ने कहा कि उनका बेटा जमीन के संबंध में शिकायत दर्ज कराने उल्हासनगर के पुलिस थाने गया था.