
*मोदी सरकार ने दिया एक और झटका*
*केब की सवारी होने जा रही महंगी*
*ओला, उबर और रैपिडो पिक आवर्स का वसूलेंगे दुगना चार्ज*
*सड़क पर वाहनों की संख्या और यात्रियों की भीड़ कम करने का घटिया फार्मूला*
🎇 त्रिलोक न्यूज नेटवर्क
ओला, उबर और रैपिडो की सवारी पीक ऑवर्स के दौरान अधिक महंगी हो सकती है क्योंकि केंद्र सरकार ने राइड-हेलिंग प्लेटफ़ॉर्म को बेस किराए से दोगुना तक चार्ज करने की अनुमति दी है ।
यह संशोधन, मोटर वाहन एग्रीगेटर गाइडलाइन्स (MVAG) 2025 का हिस्सा है, जो बेस रेट के 50% पर गैर-पीक घंटों के लिए न्यूनतम किराया भी निर्धारित करता है। इस कदम का उद्देश्य शहरी गतिशीलता को सुव्यवस्थित करना और उपयोगकर्ताओं के लिए संभावित रूप से सामर्थ्य बढ़ाना है।
सरकार ने उबर, ओला और रैपिडो जैसे कैब एग्रीगेटर्स को पीक ऑवर्स के दौरान बेस फेयर से दो गुना तक चार्ज करने की अनुमति दे दी है। इससे पहले, ये एग्रीगेटर्स पीक ऑवर्स के दौरान बेस फेयर का 1.5 गुना सर्ज प्राइस या डायनेमिक फेयर के रूप में चार्ज कर सकते थे।
आधार किराया न्यूनतम 3 किमी के लिए लिया जाएगा, जिसमें बिना यात्री के यात्रा की गई दूरी, यात्रा की गई दूरी और यात्री को लेने में प्रयुक्त ईंधन सहित कुल माइलेज की भरपाई की जाएगी।”
इसमें कहा गया है कि किसी भी यात्री से डेड माइलेज के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा, सिवाय इसके कि यात्रा की दूरी 3 किलोमीटर से कम हो और किराया केवल यात्रा के आरंभ बिंदु से गंतव्य बिंदु तक लिया जाएगा, जहां यात्री को उतारा जाता है।
पीक ऑवर मूल्य निर्धारण
अब राइड-हेलिंग कम्पनियां व्यस्त समय के दौरान आधार किराये से दोगुना तक किराया वसूल सकेंगी, जो कि पहले 1.5 गुना की सीमा से अधिक है।
गैर-पीक घंटे मूल्य निर्धारण
गैर-पीक घंटों के दौरान किराया आधार किराये के 50% तक कम हो सकता है।
राज्य सरकारों की भूमिका
राज्य सरकारों को तीन महीने के भीतर नए दिशा-निर्देशों को अपनाने की सलाह दी गई है और वे एग्रीगेटर्स द्वारा वसूले जाने वाले किराए को तय करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
ड्राइवर प्रोत्साहन
ड्राइवरों के लिए किराया और प्रोत्साहन का अनुपात राज्य सरकार की सिफारिशों के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।
बाइक टैक्सी
दिशानिर्देश राज्य सरकार की मंजूरी के अधीन, बाइक टैक्सी सेवाओं के लिए निजी मोटरसाइकिलों के उपयोग को भी वैध बनाते हैं।
ड्राइवर की आय
अपने स्वयं के वाहन का उपयोग करने वाले चालकों को किराये का न्यूनतम 80% मिलेगा, जबकि बेड़े के स्वामित्व वाले वाहनों में सवार चालकों को किराये का न्यूनतम 60% मिलेगा।
यात्री सुरक्षा
अब वाहनों में बेहतर सुरक्षा के लिए एग्रीगेटर्स और राज्य कमांड सेंटरों से जुड़े ट्रैकिंग उपकरण लगाना अनिवार्य है।
इन परिवर्तनों से उपयोगकर्ताओं की यात्रा लागत पर प्रभाव पड़ने की संभावना है, विशेष रूप से व्यस्त समय के दौरान, लेकिन इससे लचीलेपन में वृद्धि और बेहतर सुरक्षा उपायों के माध्यम से संभावित लाभ भी मिलेंगे।