
देपालपुर से
त्रिलोक न्यूज रिपोर्टर
राम चंद्र शर्मा
- श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन आज दिनांक 20 दिसम्बर 2024 【शुक्रवार】 को स्थानीय चौबीस अवतार मन्दिर, देपालपुर जिला इंदौर मे परमपूज्य पण्डितजी श्री गौरवजी व्यास,देपालपुर द्वारा भागवत कथा का महत्त्व जीवन मे क्यो आवश्यक है…? के बारे मे विस्तार से बताया।उन्होने कृष्ण और सुदामा की मित्रता के बारे में मार्मिक वृतान्त प्रस्तुत करते हुए कहा कि, आज तक इनकी मित्रता का उदाहरण देखने को नहीं मिला। सांदीपनि आश्रम, उज्जैन मे गुरुदेव सांदीपनि के “कृष्ण और सुदामा”,आज्ञाकारी शिष्य ही नही थे,वरन बहुत ही शिस्टाचारी सेवक रहे हैं।सचमुच भागवत कथा के महात्म्य को अपनी सुमधुर वाणी और मनोहारी भजन कीर्तन से पूरे पांडाल मे उपस्थित हजारो-हजार श्रद्धालुओं-भक्तगणों को मंत्रमुग्ध कर नृत्य करने के लिए उत्साहित कर दिया।*
*चिरंजीवी गिरिराज बोड़ाना पिता श्री दीपकजी बोड़ाना के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य मे आयोजित भागवत कथा का सफलतापूर्वक आयोजन पूर्व डिप्टी रेंजर श्री सूरजसिंह बोड़ाना द्वारा अपने सुपौत्र 【पोते】 चि. गिरिराज बोड़ाना के प्रथम जन्मदिन के अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान एवं आयोजन के माध्यम से मनाया गया। उनके इस कार्य की सर्वत्र चर्चा हो रही है।*
*भागवत कथा 24 अवतार मन्दिर, देपालपुर मन्दिर मे समापन के दिन अपार जनसमुदाय महिलाओं और पुरुषों की भीड़ उमड़ पड़ी। यहाँ पर श्रोताओं के लिये आवश्यक व्यवस्था की गई थी। आयोजन समिति के रमेशचंद राठौर,अशोक राठौर”स्वामीजी”सोहनलाल परमार, राजूजी शर्मा,अशोक राठौर”काका”,कृष्णा राठौर, राजेश बड़ वाया, विजय शर्मा,राधेश्याम पाठक,रमेशचंद्र सोलंकी”शिक्षक”,जगदीश बड़वाया, प्रमोद नागर, शालिग्राम चौधरी, मुनीमजी,भागचन्द जैन, रावल पटवारी साहब,शरद व्यास,लोकेंद्र राठौर, हुकूम दादा नागर,जीवनलाल पटेल,राजकुमार पटेल साथ ही अनेकानेक महिलाओं द्वारा कथा स्थल पर सारी व्यवस्थाओ को संभालने मे सहयोग प्रदान किया।*