
बैतूल भैंसदेही :- पूर्णा नदी में रस्सी से बंधा हुए शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। शव पर चोट के निशान होने से पुलिस इसे हत्या का मामला मानकर चल रही थी। इ । इस मामले में पुलिस ने विवेचना प्रारंभ की तो मामला हत्या का निकला। पुलिस ने अंधे कत्ल का खुलासा करते हुए बताया कि जमीनी विवाद में पिता ने पुत्र के साथ मिलकर छोटे भाई को मौत के घाट उतारा या और शव को पूर्णा नदी में रस्सी से बांधकर फेंक दिया था। भैंसदेही पुलिस ने अज्ञात शव की पहचान ग्राम होण्डी निवासी रमेश पिता काल्या भुसुमकर उवा 40 साल के रूप में की है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने हत्या करने के बाद शव को छिपाने के लिए कंबल एवं रस्सी से बड़े-बड़े पत्थर से बांध कर श्मसान घाट पर पूर्णा नदी में बहा दिया था।
नदी में तैरता दिखाई दिया था शव
भैसदेही थाना प्रभारी अंजना धुर्वे ने इस अंधेकत्ल का खुलासा करते हुए बताया कि 20 जून को करीबन रात्रि 9 बजे ग्राम कोटवार व्दारा पुलिस को अज्ञात व्यक्ति का शव ग्राम ढोण्डी के मशान घाट पूर्णा नदी के पानी में डूबा हुआ दिखाई देने की सूचना दी थी। अज्ञात शव को पानी से निकाला गया। शव मे बड़े-बड़े पत्थर बंधे हुये मिले एवं शरीर पर चोटों के निशान भी पाए गए। पुलिस ने ग्राम कोटवार की रिपोर्ट र्ट पर मर्ग कायम कर विवेचना शुरू की। थी।
परिजनों ने शिनाख्त से किया इंकार
आरोपियों की तलाश के लिए वरिष्ठ अधिकारियो के निर्देशन में थाना भैंसदेही से टीम गठित की गई। टीम द्वारा गांव के लोगों से पूछताछ की, जिसमे गांव के लोगो द्वारा पहले तो मृतक को पहचानने से इंकार किया गया। परिजनों ने भी पहचानने से मना कर दिया। अगले दिन गांव के कुछ
पूर्णा नदी में मिले शव का पुलिस ने किया खुलासा
लोगो को बात करते पाया गया कि मृतक गांव का ही रमेश भुसुमकर है। जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि मृतक रमेश भुसुमकर का जमीनी विवाद उसके बड़े भाई और उसके बड़े लड़के से था। इस आधार पर पुलिस ने जाँच शुरू की। जिसके बाद पुलिस पूछताछ में उसके परिजनों द्वारा भी हत्या किया जाना र स्वीकार किया। पुलिस ने आरोपियों के विरूध्द धारा 302, 201 का अपराध पंजीबद्ध किया है।
शिनाख्त नहीं करने पर हुआ संदेह
परिजनों द्वारा पहले मृतक को पहचानने से मना करने एवं बाद में पहचान करने से मृतक के परिजनों पर संदेह हुआ। पुलिस ने संदेह के आधार पर फगना भूसूमकर और रवि उर्फ राजू की तलाश पतारसी कर 23 जून को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में आरोपियों ने
अपना जुर्म स्वीकार किया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि रमेश भुसुमकर उसकी जमीन बेचने की बात कर रहा था और उसके हिस्से की जमीन जोतने नहीं दे रहा था। इसलिये 17-18 जून की रात्रि करीबन 12.00 बजे दोनों ने मिलकर मृतक रमेश को मारकर हत्या कर दी। शव को छिपाने के लिए बैल के जुआड़ा पर रख कर कंबल एवं रस्सी से बड़े-बड़े ड़े पत्थर बांध कर श्मसान घाट पूर्णा नदी में बहा दिया था।
कत्ल के खुलासे में इनकी
रही भूमिका
अंधे कत्ल का खुलासा करने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक, एएसपी और भैंसदेही एसडीओपी भूपेन्द्र मौर्य के निर्देशन में टीम गठित की गई। टीम ने हत्या के हर पहलुओं की जांच करते हुए आरोपियों तक पहुंची और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अंधेकत्ल की गुत्थी को सुलझाने में थाना प्रभारी भैंसदेही निरीक्षक सुश्री अंजना धुर्वे, एसआई प्रीति पाटिल, एएसआई अवधेश वर्मा, एएसआई अजय भाट, हवलदार 22 छोटेलाल वछानिया, आरक्षक 133 नितिन ठाकुर, आरक्षक. 426 मनोज इवने, आरक्षक 490 नारायण जाट, महिला आरक्षक 320 अंकिता शर्मा की महत्वपूर्ण विशेष भूमिका रही।