
रमजान का पवित्र महीना के लास्ट जमा जुम्मे को अलविदा कहते हैं। अलविदा की नमाज साल में एक ही बार पढ़ी जाती है जिसमे लोग गया के जामा मस्जिद में लोग दूर दूर से नमाज अदा करने आते हैं। इसमें लोग अपने पवित्र महीना के जाने के गम में लोग अपने रा से रो रो कर दि मांगते हैं और देश दुनिया की शांति के लिए भी लोग दुआ करते है। रमजान में 5 दिन महत्वपूर्ण माना गया है। जिसमे लोग रातभर इबादत तिलावत करते हैं।लोगो ने कहा कि अलविदा को छोटे इड के रूप में देखा जाता है साथ साथ यह भी ऐलान किया गया की हर जगह अलग अलग समय में ईद की नमाज अदा की जाएगी। इस मौके पर जामा मस्जिद से जुड़े प्रो हबीब साहब सदर,अख्तर हसनैन सेक्रेटरी, मो जाहिव नुर साहब नायब सेक्रेटरी, प्रो गुलाम समदानी नायब सदर, जनाब नौशाद आलम उर्फ सुलान साहब,मो साईद अंसारी सदस्य,शकील अहमद सदस्य,मो सादुल्लाह फारूकी अधिवक्ता सदस्य समेत कई मेंबरान उपस्थित रहे।
त्रिलोकी नाथ रिपोर्टर गया बिहार
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