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मरणोपरांत किया नेत्रदान

अलीराजपुर से ब्यूरो चीफ तुषार राठौड़ ✍️

जोबट – नेत्रदान सभी दानों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। क्योंकि इस दान से दो जिंदगिया रोशन होती है। जिंदगी भर जिस शख्श ने कभी दुनिया नही देखी और केवल अंधेरे में ही जिया, उनकी आखों में रोशनी आ जाए तो इससे खुशी की बात और क्या हो सकती है।

धीरे धीरे ही सही लेकिन समाज नेत्रदान के प्रति जागरूक हो रहा है। लोग चाहते है कि मृत्यु पश्चात भी लोगों का भला करें। इसलिए मरणोपरात नेत्रदान की प्रवृत्ति बढ़ रही है।

ऐसा ही एक पुण्य का कार्य सोमवार को
*स्व.श्रीमती गीता बाई गणपतलालजी राठौड़ (जमालिया )जोबट* के देवलोकगमन( मरणोपरांत) हुआ *115 वा नेत्रदान* गायत्री शक्तिपीठ नेत्र संकल जोबट द्वारा कार्निया नेत्र संकलन में किया गया

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