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पुनासा में जल समितियों के सम्मेलन में कलेक्टर श्री गुप्ता ने ग्रामीणों से की अपील , वर्षा के पानी की एक-एक बूंद बचाकर भूजल स्तर बढ़ाएं

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पुनासा में जल समितियों के सम्मेलन में कलेक्टर श्री गुप्ता ने ग्रामीणों से की अपील , वर्षा के पानी की एक-एक बूंद बचाकर भूजल स्तर बढ़ाएं

खण्डवा//वर्षा के जल की एक भी बूंद व्यर्थ ना बहने दें, बल्कि रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के माध्यम से भूजल स्तर बढ़ाने में भागीदार बनें। वर्षा ऋतु में खेत का पानी खेत में, और गांव का पानी गांव में ही रोकने के लिए सभी ग्रामीण मिलकर सामूहिक प्रयास करें। यह बात कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने पुनासा के हायर सेकेंडरी स्कूल के पास स्थित स्टेडियम में आयोजित जल समितियों के विकासखंड स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा, एसडीएम पुनासा श्री शिवम प्रजापति तथा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अभिषेक त्रिवेदी सहित अन्य अधिकारी तथा पंचायत स्तरीय जल समितियों के सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद थे।
कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि हर वर्ष भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। हमें आज से ही पानी बचाने के लिए विशेष प्रयास करना होंगे। पानी बचाने की दिशा में हम अभी नहीं जागे, तो बहुत देर हो जाएगी। उन्होंने जल समितियों के सदस्यों से कहा कि गांव-गांव में पानी का महत्व बतायें और सभी से वर्षा का पानी बचाने की अपील करें।
कलेक्टर श्री गुप्ता ने जल समितियों के उपस्थित सदस्यों से अपील की कि पहले वे अपने घरों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवायें और फिर गांव के अन्य लोगों को भी उनके घरों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए प्रेरित करें। कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि हम जितना पानी खर्च करते हैं, उतना पानी बचाने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है। जिले की हर पक्की छत से वर्षा का पानी भूजल संवर्धन के उपयोग में आए, यह अगले 1 वर्ष में हमें सुनिश्चित करना है। उन्होंने जल समिति के सदस्यों को शामिल करते हुए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के लिए भी कहा, ताकि जल संरक्षण से संबंधित गतिविधियों को उसमें शेयर किया जा सके। कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि अमृत संचय अभियान के तहत हमें जिले के सभी शासकीय व प्राइवेट भवनों की पक्की छतों पर रूफवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना है, ताकि वर्षा के पानी की एक-एक बूंद जमीन में समाकर भूजल स्तर को बढ़ाए। उन्होंने कहा कि 30 जून, 2026 तक प्रत्येक पक्की छत पर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए “मिशन अमृत संचय” प्रारंभ किया गया है।
कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौड़ा ने अपने संबोधन में बोरी बंधान, खेत तालाब, गली प्लग, मेढ़ बंधान जैसी जल ग्रहण संरचनाओं की उपयोगिता और उन्हें बनाने के तरीकों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि मिशन अमृत संचय के तहत भूजल संरक्षण की दिशा में सराहनीय कार्य करने वाली पंचायतो को चयनित कर पुरस्कृत किया जाएगा। इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर श्री के.बी. मंसारे एवं उनकी टीम ने लघु नाटक के माध्यम से जल समिति के सदस्यों को पानी बचाने के लिए प्रेरित किया। मास्टर ट्रेनर श्री समीर दीक्षित, वाई.के. शुक्ला, बी. हिरवे, राजेन्द्र भारद्वाज, नरेन्द्र सोहनी, श्रीराम जामरा ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से भूजल संरक्षण के संबंध में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। जल समिति के सदस्यों को बोरी बंधान बनाने, डगवेल रिचार्ज बनाने, हैंड पंपों के आसपास सोखता गड्ढे बनाने, मेढ़ बंधान, नाला गहरीकरण कंटूर ट्रेंच जैसी जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण के संबंध में भी प्रशिक्षण के दौरान जानकारी दी गई।

 

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