
*गुरुद्वारा दशमेश दरबार साहिब, नानाखेड़ा में सिख गुरु श्री गुरु हरिगोविंद साहिब जी का प्रकाश पर्व मनाया गया*
इकबाल सिंह गांधी, राजा कालरा,एस.एस. नारंग सम्मानित
🆕 त्रिलोक न्यूज़ चैनल उज्जैन 🆕
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा दूध तलाई के अध्यक्ष इकबाल सिंह गांधी ने बताया कि सिख गुरु श्री हरिगोविंद साहिब जी का प्रकाश पर्व गुरुद्वारा दशमेश दरबार साहिब नानाखेड़ा में मनाया गया l सुखमनी साहिब जी के पाठ सुबह 10 से 11 बजे,कीर्तन दीवान 11 से 12 बजे तक ज्ञानी महल सिंह , अरदास ज्ञानी अजीत सिंह जी निमाना द्वारा एवं समाप्ति 12:15 बजे उसके उपरांत गुरु का अटूट लंगर का भी आयोजन किया गया था l
सिख समाज के वरिष्ठ खूशाल सिंह वाधवा,
एस.एस.नारंग ,जसवंत सिंह मक्कड़ ने इकबाल सिंह गांधी ,गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष बनने के उपरांत गुरुद्वारा दशमेश दरबार साहिब नानाखेड़ा में प्रथम आगमन सम्मान भी किया गया l
पूर्व सेवादार प्रबंधक जसविंदर सिंह ( राजा ) कालरा , को उनके सेवाकाल के दौरान गुरुद्वारा में किए गए कार्यों का विशेष रूप से उल्लेख किया गया l वरिष्ठ खूशाल सिंह वाधवा, इकबाल सिंह गांधी, एस.एस.नारंग ,जसवंत सिंह मक्कड़ ने जसविंदर सिंह (राजा ) कालरा जी की विशेष सेवाओं के लिए उनका विशिष्ट सेवा सम्मान किया गया l सिख समाज के संभागीय प्रवक्ता एस.एस.नारंग का मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की गुरमत कैंप के दौरान *उत्कृष्ट सेवा सम्मान* किया गया l
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष इकबाल सिंह गांधी ने बताया कि श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी का संसार-आगमन धर्म की मर्यादा और समाज की अस्मिता को अक्षुण रखने के संकल्प को दृढ़ करने के लिए हुआ था l अधर्म और अन्याय से त्रस्त समाज को ऐसे शक्तिपुंज की आवश्यकता थी जो उनसे जो उनमें आशा और विश्वास पैदा कर सके l अधर्म के विरुद्ध व्यापक चेतना जागृत की और अधर्म परास्त करने का करने का मिशन छठवें गुरु श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी को दिया गयाl
सिख समाज के संभागीय की प्रवक्ता एस.एस.नारंग ने बताया कि गुरु जी ने श्री दरबार साहिब श्री हरमंदिर साहिब के ठीक सामने की अकल तख्त साहब का निर्माण करवाया l श्री दरबार साहिब श्री हरिमंदिर साहब जहां धर्म और अध्यात्म का केंद्र था वहीं अकाल तख्त धार्मिक न्याय का केंद्र बन गया l श्री गुरु हरिगोविंद साहब जी धर्म जगत में सर्वसमर्थ शक्ति के रूप में उभरे और उनकी प्रतिष्ठा चारों ओर स्थापित हो गई l गुरु जी ने धर्म का पालन करने वालों के मन में विश्वास भर दिया वह धर्म व परमात्मा के प्रति समर्पण -भावना को और अधिक बढ़ा दिया l
विकारों को जितना और अधर्मी को पराजित करना दोनों ही कार्य शौर्य पराक्रम के बिना नहीं किया जा सकते यह समर्थित सिखों में ही गुरु हरि गोविंद साहब जी ने विकसित किया l
अवतार सिंह की वाधवा , अविनाश धारीवाल , जोगिंदर सिंह होरा , चरणजीत सिंह टूटेजा , वाधवा जी, गुरमीत सिंह राठौड़ , हरजीत कोर अरोड़ा द्वारा समस्त साध संगत को लख-लख बधाइयां दी