
नगर से 11 वर्षीय एक बच्चा, लोमेश उर्फ लक्ष्य, जो 23 अगस्त शनिवार को लापता हो गया था
सातवीं कक्षा का छात्र लक्ष्य जौहरे 23 अगस्त को दोपहर 12 बजे खेलने के लिए घर से निकला था। जब वह शाम 5 बजे तक वापस नहीं आया, तो परिवार ने उसकी तलाश शुरू की। काफी खोजबीन के बाद भी जब उसका पता नहीं चला, तो परेशान परिवार ने अपने रिश्तेदारों से संपर्क किया, लेकिन कोई खबर नहीं मिली।
अगले दिन शनिवार की रात लगभग 7 बजे, लक्ष्य के पिता महेंद्र जौहर को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने बताया कि वह नागपुर से बोल रहा है और उनका बेटा लक्ष्य उन्हें नागपुर में गणेश टेकरी के पास सड़क किनारे रोता हुआ मिला है। ऑटो रिक्शा चालक मयंक ने मानवता और नागरिक कर्तव्य का परिचय देते हुए लक्ष्य को उसकी बुआ के घर, जो नागपुर में ही रहती हैं, तक पहुंचाया।
इसके बाद, लक्ष्य के पिता महेंद्र जौहर नागपुर गए और रात में ही उसे घर वापस लाए। लक्ष्य के हाथ और पीठ पर इंजेक्शन के निशान मिले है
जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह छपारा से कैसे गायब हुआ और उसके साथ क्या हुआ था। यह घटना छपारा में अपनी तरह की पहली घटना है। पुलिस को जौहरे परिवार ने रविवार शाम 6 बजे तक कोई भी कार्रवाई किए जाने को लेकर शिकायत दर्ज नहीं करवाई है।
संभवतः शिकायत दर्ज के बाद पुलिस द्वारा जांच की जाएगी। बालक से पूछा गया कि उसके साथ क्या हुआ तो लक्ष्य का कहना है कि वह हर दिन जैसे घर से नगर के चमरिया नाला रिपटा तक गया वहां क्या हुआ उसे कुछ भी नहीं याद है। जब होश आया तो नागपुर शहर के गणेश टेकरी क्षेत्र में खुद को पाया।