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दुलारने के बहने गोद में बिठाकर बच्चों का शोषण करता था शिक्षक,शिकायत के बाद हुआ निलंबित

दुलारने के बहने गोद में बिठाकर बच्चों का शोषण करता था शिक्षक,शिकायत के बाद हुआ निलंबित


ओडिशा के मयूरभंज जिले के एक सरकारी स्कूल में बच्चों के साथ गलत हरकत करने वाले एक शिक्षक प्रमोद कुमार महंता को निलंबित कर दिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने मासूम छात्राओँ के साथ यौन शोषण किया। यह घटना जिले के बेतनटी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के अंतर्गत आने वाले प्रतिमादेईपुर सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय में हुई है।
जानकारी के मुताबिक, शिक्षक प्रमोद कुमार महंता पर आरोप है कि वह छोटी बच्चियों को दुलारने या खेलने के बहाने अपनी गोद में बिठाकर उनके साथ अश्लील हरकतें करते थे। यह आरोप किसी एक बच्ची का नहीं, बल्कि सात-आठ छात्राओं के अभिभावकों ने लगाए हैं। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है।
इस शर्मनाक घटना का खुलासा तब हुआ जब स्कूल की ही एक शिक्षिका कल्याणी साहू ने इस मामले में शिकायत की। उन्होंने प्रशासन के सामने बच्चियों के ऑडियो बयान भी पेश किए, जिनमें बच्चियों ने शिक्षक की हरकतों के बारे में बताया। इसके बाद यह मामला बेतनटी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बिप्लब द्वारा संज्ञान में लिया गया ।

मामले की गंभीरता को देखते हुए ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बिप्लब कर ने तत्काल प्रभाव से आरोपी शिक्षक प्रमोद कुमार महंता को निलंबित कर दिया है। निलंबन पत्र में साफ लिखा है कि, “छात्राओं के ऑडियो बयान और कल्याणी साहू, जूनियर शिक्षिका, सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय, प्रतिमादेईपुर के लिखित बयान का संज्ञान लेते हुए, श्री प्रमोद कुमार महंता को तत्काल प्रभाव से उनके सामान्य कर्तव्य से निलंबित किया जाता है। उनका मुख्यालय अस्थायी रूप से ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, वेतनटी के कार्यालय में अगले आदेश तक तय किया गया है। उन्हें समय-समय पर नियमानुसार निलंबन भत्ता दिया जाएगा।”

निलंबन के साथ ही, BEO बिप्लब कर ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए एक समिति का गठन भी किया है। यह समिति घटना की गहनता से जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपेगी।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कथित तौर पर, शिक्षक प्रमोद कुमार महंता के खिलाफ पहले भी इस तरह के आरोप लग चुके हैं।
इस घटना ने प्रतिमादेईपुर के अभिभावकों और स्थानीय समुदाय में भारी गुस्सा भर दिया है। लोग आरोपी शिक्षक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। साथ ही, वे स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील भी कर रहे हैं।

यह घटना शिक्षा के मंदिर में बच्चों की सुरक्षा पर एक बड़ा सवालिया निशान लगाती है। उम्मीद है कि जांच समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो।

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