
मौसम एवं कृषि विशेषज्ञ ने किसानों को दी उपयोगी सलाह
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खण्डवा//सोयाबीन, मक्का व कपास फसलों में खरपतवार नाशक, कीटनाशक, फफूंदनाशक का उपयोग पूरी जानकारी लेकर ही करें। जो कृषि रसायन शोध द्वारा अनुशंसित हैं केवल उनका ही उपयोग करें। जिला कृषि मौसम ईकाई, खंडवा के मौसम एवं कृषि विशेषज्ञ डॉ. सौरव गुप्ता ने किसानों को सलाह दी है कि 2 या उससे अधिक कृषि रसायनों को मिलाकर स्प्रे करने से बचें, अन्यथा फसल को नुकसान होने या फसल नष्ट होने की भी स्थिति बन सकती है। कृषि रसायन खरीदते समय उसके साथ कंपनी द्वारा दिये गए पत्रक को जरूर पढ़ें। उसमें दवा के विषय में पूर्ण जानकारी व फसल अनुशंसा दी जाती है।
मौसम एवं कृषि विशेषज्ञ डॉ. गुप्ता ने बताया कि फसलों में ऊपर से यूरिया या डीएपी का भुरकाव करने से बचें, इनकी जगह यही आवश्यकता हो तो 18ः18ः18 उर्वरक ग्रेड का 10 ग्राम प्रति लीटर की दर से स्प्रे करें। कम या ज्यादा नमी की अवस्था में यदि फसल तनाव में हो तो पेक्लोब्यूट्राजोल 40 प्रतिशत का 3 मिली प्रति 15 लीटर की दर से पंप के माध्यम से स्प्रे करें। फूल अवस्था पर सागरिका 2 मिली प्रति लीटर या क्लोरमक्वाट क्लोराइड 1 मिली प्रति लीटर की दर से स्प्रे करें। फली, भुट्टा अथवा घेंटे बनने की अवस्था होने पर नैनो यूरिया या नैनो डीएपी का 4 मिली प्रति लीटर की दर से स्प्रे करें।
मौसम एवं कृषि विशेषज्ञ डॉ. गुप्ता ने बताया कि खंड-बारिश की स्थिति को देखते हुए फूल व फली अवस्था पर नमी की कमी होने पर सिंचाई की व्यवस्था करें एवं ज्यादा बारिश की स्थिति से बचाव हेतु पानी निकासी का भी उचित प्रबंधन करके रखें। इल्ली व रस चूसक कीटों की संख्या बहुत कम होने की स्थिति में केवल “टी” आकार की खूंटी व पीले चिपचिपे कार्ड 15 से 20 प्रति एकड़ के मान से लगावें। फसलों में कोई भी समस्या हो तो 24 घंटे के अंदर कृषि विशेषज्ञ या कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क करें।