
खरगोन क्षेत्र में ट्रांसमिशन लाइनों के प्रतिबंधित सीमा में हो रहे निर्माणों से मानव जीवन खतरे में
12 कॉलोनियों में 85 मकान खतरे की जद में
📝खरगोन से ब्यूरो चीफ अनिल बिलवे की रिपोर्ट…
खरगोन 23 जुलाई 2025। खरगोन शहर और आसपास के क्षेत्रों में ट्रांसमिशन लाइनों के प्रतिबंधित क्षेत्रों में तेजी से हो रहे अवैध निर्माण अब मानव जीवन की सुरक्षा के लिये गंभीर चिंता का विषय बन चुके हैं। खरगोन में मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) की 132 के.व्ही. से लेकर 220 के.व्ही. तक की छह प्रमुख ट्रांसमिशन लाइनों के समीप मानव जीवन के लिये घातक और विद्युत सुरक्षा मानकों के विरूद्ध अनाधिकृत निर्माण कर लिये गये है, जिससे न केवल खरगोन जिले की विद्युत व्यवस्था लंबे समय तक बाधित होने की आशंका पैदा हो गई है, बल्कि आम नागरिकों के जीवन पर भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इन निर्माणों को हटाने के लिये मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने संबंधितों को 85 नोटिस जारी किये है।
ट्रांसमिशन लाइनो की प्रतिबंधित सीमा में हुये निर्माण
खरगोन के अनेक क्षेत्रों में ट्रांसमिशन लाइनो के प्रतिबंधित सीमा में अनाधिकृत निर्माण किये गये है, जिनमें विद्युत मानकों के अनुरूप न्यूनतम सुरक्षा दूरी का उल्लंघन किया गया है। खरगोन में ओंकार दत्त रेजिडेंसी, निमरानी, द्वारका धाम कॉलोनी, साकेत नगर, जैतापुर, यमुना नगर कॉलोनी, खरगोन मोतीपुरा, हिंगलाज नगर, स्मार्ट पार्क टाउनशिप, माँ रेवा विन्यास कॉलोनी, पानवा एवं भीलगांव आदि क्षेत्रों में ट्रांसमिशन लाइन और निर्माण के बीच बेहद कम क्लियरेंस पाया गया है, जो अति उच्च वोल्टेज की बिजली से जुड़े संभावित करंट, स्पार्किंग, और अग्निकांड जैसे गंभीर खतरे उत्पन्न कर सकता है।
इन ट्रांसमिशन लाइनों के समीप हुये निर्माण
खरगोन जिले में मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी की छह ट्रांसमिशन लाइने है जिनके समीप विद्युत सुरक्षा मानकों के विरूद्ध निर्माण कर लिये गये है। इन ट्रांसमिशन लाइनों में 132 के.व्ही. भीकनगांव-खरगोन डी.पी. लाइन, 132 के.व्ही. बिस्टन-लिलो लाइन, 132 के.व्ही. निमरानी-कसरावद लाइन, 220 के.व्ही. निमरानी-छैःगांव लाइन, 220 के.व्ही. निमरानी-ओंकारेश्वर लाइन एवं 220 के.व्ही. महेश्वर-पीथमपुर लाइने शामिल है।
85 नोटिस किये गये है जारी
एम.पी. ट्रांसको खरगोन में कार्यपालन अभियंता श्री वीर सिंह भूरिया ने बताया कि अब तक 85 नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इन नोटिसों के माध्यम से अवैध निर्माणकर्ताओं को आगाह किया गया है कि वे सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कर जोखिम भरे निर्माण न करें, यदि जो भी निर्माण किये जा चुके है उन्हें हटा लें। अन्यथा विधिक कार्यवाही की जाएगी।
क्यों जरूरी है 27 मीटर का कॉरिडोर
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुसार, 132 के.व्ही. या इससे अधिक वोल्टेज की ट्रांसमिशन लाइन के नीचे कम से कम 27 मीटर की सुरक्षित दूरी आवश्यक है, ताकि हवा में झूलते तारों से संपर्क न हो और दुर्घटना टाली जा सके।
600 से 950 गुना अधिक रहती है ट्रांसमिशन लाइनों से जान का खतरा