
मुजफ्फरनगर। सावन माह में चल रही कांवड़ यात्रा के दौरान जिले में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की बड़ी साजिश को पुलिस ने नाकाम कर दिया है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर फर्जी और भड़काऊ वीडियो वायरल करने वाले सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से चार को सोमवार को ककरौली थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया, जबकि तीन आरोपियों को इससे पहले 21 जुलाई को गिरफ्तार किया जा चुका है।पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने पाकिस्तान की हिंसात्मक घटना से संबंधित एक वीडियो को भारत के मुरादाबाद जिले का बताकर वायरल किया। वीडियो में महिलाओं और बच्चों की खून से लथपथ लाशें दिख रही थीं, जिसे सांप्रदायिक रंग देकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा फैलाने का प्रयास किया जा रहा था। साथ ही, एक भड़काऊ ऑडियो भी वायरल किया गया, जिसमें झूठा दावा किया गया कि बजरंग दल के कार्यकर्ता मुरादाबाद के एक गांव में मुस्लिमों की हत्या कर रहे हैं और लोगों से इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की अपील की गई।यह सामग्री “ककरौली युवा एकता” और “उम्मती ग्रुप” नामक व्हाट्सएप समूहों में तेजी से फैलाई जा रही थी। साइबर निगरानी टीम ने जब यह गतिविधि पकड़ी तो तत्काल एक्शन लिया गया और 21 जुलाई को तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया।
इसके बाद आज 23 जुलाई को पुलिस ने भोपा बाईपास पुल के पास से चार और आरोपियों—नईमुद्दीन, फईममुद्दीन, जमीरूद्दीन और शालिक—को गिरफ्तार किया। इनके पास से चार मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया हैथाना ककरौली में इन आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट, यूपीसीएल एक्ट और यूएपीए जैसी गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि यह पूरी साजिश साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने और जिले में दंगा फैलाने की गहरी योजना का हिस्सा थी।
प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी भ्रामक खबर या वीडियो को बिना सत्यापन के साझा न करें और ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था और साइबर मॉनिटरिंग और सख्त कर दी गई है।