खरगोनमध्यप्रदेश

मोठापुरा में मिर्च की फसल में एकीकृत किट एवं रोग प्रबंधन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

खरगोन त्रिलोक न्यूज़ ब्यूरो रिपोर्ट

मोठापुरा में मिर्च की फसल में एकीकृत कीट एवं रोग प्रबंधन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

 

📝खरगोन से ब्यूरो चीफ अनिल बिलवे की रिपोर्ट…

खरगोन 16 जुलाई 2025। ग्राम मोठापुरा में मिर्च की फसल में एकीकृत कीट एवं रोग प्रबंधन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित। कृषि विज्ञान केंद्र खरगोन द्वारा ग्राम मोठापुरा में मिर्च की फसल में एकीकृत कीट एवं रोग प्रबंधन तकनीक पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 15 जुलाई 2025 को किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को मिर्च की फसल में कीट एवं रोगों के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान के प्रति जागरूक करना तथा उनके प्रभावी एवं पर्यावरण के अनुकूल प्रबंधन के उपायों की जानकारी देना था।

 

  कृषि विज्ञान केंद्र खरगोन वैज्ञानिक मुख्य विशेषज्ञ डॉ. एसके त्यागी ने प्रशिक्षण के दौरान किसानों को मिर्च में लगने वाले प्रमुख कीट जैसे थ्रिप्स, सफेद मक्खी, मकड़, माहू एवं फल बेधक तथा सामान्य रोगों जैसे लीफ कर्ल, डाईबैक, लीफ स्पॉट और पाउडरी मिल्ड्यू के बारे में जानकारी दी। उन्होंने एकीकृत कीट एवं रोग प्रबंधन की अवधारणा एवं महत्व समझाते हुए रासायनिक कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग को कम करने की सलाह दी, जिससे पर्यावरण एवं जैविक संतुलन सुरक्षित रह सके।

 

  प्रशिक्षण के दौरान डॉ. त्यागी ने किसानों को खेत की सफाई, गोबर की खाद का उपयोग, पहल चक्र, संतुलित पोषण, समय पर सिंचाई और उचित पौधों की दूरी जैसी शस्य विधियों को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने चूसक कीटों की निगरानी के लिए पीले स्टिकी ट्रैप का उपयोग करने और नीम आधारित जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करने की सलाह दी। इसके साथ ही उन्होंने आर्थिक क्षति स्तर (ईटीएल) के आधार पर ही अनुशंसित कीटनाशक और फफूंदनाशी दवाओं का विवेकपूर्ण उपयोग करने पर जोर दिया।

 

 प्रशिक्षण में मोठापुरा एवं आसपास के गांवों के बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। किसानों ने सक्रिय रूप से प्रश्न पूछे और कार्यक्रम में दी गई व्यावहारिक जानकारी की सराहना की। प्रशिक्षण में जिला पंचायत खरगोन से श्री राकेश बिरला, टीम लीडर, वाटर शेड परियोजना, एफपीओ के संचालक श्री चंद्रकांत पाटीदार, प्रगतिशील कृषक श्री दिनेश पाटीदार, ओमप्रकाश पाटीदार एवं अन्य आसपास के गांव के किसान कार्यक्रम में उपस्थित थे।

 

अंत में डॉ. त्यागी ने किसानों से अपील की कि वे उच्च उत्पादन, बेहतर गुणवत्ता और टिकाऊ खेती के लिए एकीकृत कीट एवं रोग प्रबंधन तकनीकों को अपनाएँ। किसानों ने कृषि विज्ञान केंद्र खरगोन का आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी इस प्रकार के और अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का आग्रह किया।

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