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श्री अष्टान्हिका महापर्व महोत्सव 3 जुलाई गुरुवार से हुआ प्रारंभ,

10 जुलाई तक प्रतिदिन होगी मंडल विधान की पूजा और मुनि श्री के प्रवचन

श्री अष्टान्हिका महापर्व महोत्सव 3 जुलाई गुरुवार से हुआ प्रारंभ,

10 जुलाई तक प्रतिदिन होगी मंडल विधान की पूजा और मुनि श्री के प्रवचन

सर्राफा पार्श्वनाथ मंदिर में तेरहदीप मंडल विधान का आकर्षण मांडाना सजाया गया, जिसकी प्रतिदिन होगी पूजा,

खंडवा।। अत्यन्त हर्ष एवं पुण्य का अवसर है कि इस वर्ष आप और हम सभी अष्टान्हिका महापर्व 3 जुलाई गुरूवार से 10 जुलाई गुरुवार तक अत्यन्त भक्ति भाव पूर्वक मनायेगे। इस महा मांगलिक पर्व पर जिनवाणी श्रवण के लिए हम सभी को परम पूज्य प. पू. समाधी सम्राट राष्ट्रसंत गणाचार्य 108 विराग सागरजी महाराज के शिष्य उपाध्याय श्री 108 विश्रुत सागरजी महाराज एवं निर्वेद सागर जी महाराज का परम सानिध्य प्राप्त हुआ है। समाज के सचिव सुनील जैन ने बताया कि अष्टानिका पर्व खंडवा के समस्त दिगंबर जैन मंदिरों में मनाया जाएगा। गुरुवार से पर्व प्रारंभ हो चुका हैं। मुख्य आयोजन प्रतिदिन प्रातः 8.30 से 9.30 तक उपाध्याय श्री 108 विश्रुत सागरजी महाराज के प्रवचन श्री पोरवाड़ दिगम्बर जैन धर्मशाला में होंगे,प्रातः 9.30 से श्री जिनेन्द्र अभिषेक शांति धारा एवं नित्य नियम पूजा श्री पार्श्वनाथ दिग. जैन मंदिर सराफा में एवं दोप. 1.15 बजे से श्री तेरहद्विप मंडल विधान की पूजन पंडित निखिलेश जैन के मार्गदर्शन में सम्पन्न होगी। शाम 7.00 से 8.00 तक श्री जिनेन्द्र भक्ति एवं आरती श्री पार्श्वनाथ दिग. जैन मंदिर, सराफा में एवं रात्रि 8.00 से 9.00 तक शास्त्र प्रवचन विद्वानो द्वारा पोरवाड़ जैन धर्मशाला में होंगे। पोरवाड़ समाज अध्यक्ष वीरेंद्र भट्यांण ने बताया कि 9 जुलाई बुधवार को रथ यात्रा की बोलियाँ प्रातः प्रवचन के समय जैन धर्मशाला में लगाई जावेगी। पोरवाड़ जैन समाज के मीडिया प्रभारी प्रेमांशु चौधरी ने बताया कि 10 जुलाई गुरुवार श्री जिनेन्द्र रथ यात्रा दोपहर 1.15 बजे से श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिरजी सराफा से प्रारम्भ होकर रामगंज, बुधवारा,केवलराम पेट्रोल पम्प, बाम्बे बाजार, घंटाघर, टाउनहॉल, नगर निगम के पास से मेन हॉस्पिटल के सामने से,मेडिकल चौराहा, खड़कपुरा, मेन हिन्दी स्कूल के सामने से हरीगंज होते हुये श्री पोरवाड़ दिगम्बर जैन धर्मशाला पहुंचेगी जहां श्री जी का अभिषेक शांति धारा के पश्चात उपाध्याय श्री 108 विश्रुत सागरजी महाराज के मांगलिक प्रवचन के साथ पर्व का समापन होगा।

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