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माहेश्वरी समाज के ऑपरेशन सिंदूर के चलचित्र व झांकी देखने उमड़े श्रद्धालु

*माहेश्वरी समाज ने सत्यनारायण मन्दिर को सजाया तिरँगा थीम पर।

माहेश्वरी समाज के ऑपरेशन सिंदूर के चलचित्र व झांकी देखने उमड़े श्रद्धालु

*माहेश्वरी समाज ने सत्यनारायण मन्दिर को सजाया तिरँगा थीम पर।

एसपी श्री राय ने परिवार सहित दर्शन कर पालना झुलाया एवं झांकी को निहारा।

खण्डवा।माहेश्वरी समाज खंडवा द्वारा संचालित श्री सत्य लक्ष्मी नारायण मंदिर बुधवारा बाजार खंडवा में प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी जन्माष्टमी उत्सव धूमधाम से मनाया गया। जानकारी देते हुए माहेश्वरी पंचायत के अध्यक्ष नारायण बाहेती ने बताया कि गत अनेकों वर्षों से जन्माष्टमी पर्व विशेष थीम पर मनाया जाता है। इस वर्ष भी माहेश्वरी पंचायत अध्यक्ष नारायण बाहेती, सचिव विजय राठी माहेश्वरी युवा संगठन के प्रियांश काकाणी,केशव गोपाल बाहेती, अभिषेक कचोलिया,हर्ष बाहेती, अर्पित बाहेती महिला मंडल अध्यक्ष प्रिया जाखेतिया सचिव नीता राठी कोषाध्यक्ष कंचन काकाणी के नेतृत्व में जन्माष्टमी पर्व पर राष्ट्र को समर्पित तिरंगा थीम के साथ ही भारत के सैनिकों को समर्पित ऑपरेशन सिंदूर की झांकी बनाई गई । एलईडी पर ऑपरेशन सिंदूर का दृश्य दिखाया गया।झांकी में भारतीय सैनिक द्वारा आतंकी को मारते हुए व ब्रम्हास्त मिसाइल का प्रदर्शन किया गया।3 मिनट के ऑपरेशन सिंदूर के दृश्यों को देख हाल दर्शनार्थियों के भारत माता की जय व वंदे मातरम के नारों से गूंज उठा।झांकी निर्माण में माहेश्वरी समाज के मुकेश झवर ,श्याम झवर ,जाग्रति व नम्रता झंवर,भगवान लड्ढा, अनिल बाहेती, सुरेंद्र सोलंकी केशव शर्मा,सुनील जैन,रानू लाला सहित बड़े और बच्चे सभी अपने हाथों से सुंदर झांकी का निर्माण किया।पूरे मंदिर एवं माहेश्वरी भवन को राष्ट्रीयता के साथ तिरंगे रंग से विभिन्न कलाकृतियों से सजाया गया ।साथ ही जन्माष्टमी की मुख्य प्रसादी पंजेरी ,माखन मिश्री व फल प्रसादी का वितरण भी शाम से ही प्रारंभ कर दिया राष्ट्र को समर्पित झांकी को देखने पुलिस अधीक्षक मनोज रॉय परिवार सहित पधारे व इस थीम की सराहना की।सुनील जैन ने बताया कि श्रद्धालुओं को इस मन्दिर में प्रतिवर्ष नई थीम पर सजावट देखने को मिलती है। रात्रि 12:00 बजे भगवान कृष्ण के जन्म पर महाआरती का आयोजन हुआ। देररात तक दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा।पंडित लक्ष्मीदत्त दाधीच व पंडित अमित दाधीच ने विधि विधान से सुबह शाम व रात्रि में कृष्ण जन्म की आरती की।

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