
*सीताराम विवाह उत्सव में झूमे श्रद्धालु, पुष्पवर्षा और जयकारों से गूंजा कथा स्थल
*श्रीधराचार्य जी महाराज ने कथा में राम वनवास प्रसंग का किया वर्णन*
राम कथा में कृष्ण जन्म का भी प्रसंग हुआ।
खण्डवा। श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ समिति द्वारा नवकार नगर स्थित नक्षत्र गार्डन में चल रही श्रीमद वाल्मीकीय श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ के चौथे दिन शनिवार सीताराम विवाह उत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। समिति के प्रवक्ता सुनील जैन नारायण बाहेती ने बताया कि कथा व्यास परम पूज्य जगतगुरू रामानुजाचार्य स्वामी श्री श्रीधराचार्य जी महाराज ने मिथिला में हुए भगवान श्रीराम व माता सीता के विवाह प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन किया। साथ ही जन्माष्टमी पर्व पर कृष्ण जन्म पर भी प्रवचन दिए। महाराज श्री ने जनकपुरी में धनुषभंग के बाद सीता स्वयंवर, जनक-महाराज का भाव, और जन-जन में छाए उल्लास का चित्रण करते हुए बताया कि यह विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि मर्यादा और पवित्रता का संगम था। जैसे ही विवाह की वेला आई, पंडाल में “सीताराम जय-जय राम” के जयकारों के साथ पुष्पवर्षा होने लगी। मंगल गीतों और भजनों से वातावरण भक्ति में रंग गया, श्रद्धालु नृत्य करते हुए आनंद में डूब गए। मुख्य यजमान राजेंद्रप्रसाद भगवानदास सहाय व किशनलाल मोहनलाल अग्रवाल ने विशेष पूजन-अर्चन कर विवाह समारोह का आनंद लिया।चतुर्थ दिवस की कथा में श्री श्रीधराचार्य जी महाराज ने श्री राम जी के वनवास के प्रसंग का विस्तृत वर्णन करते हुए ।प्रभु को आज्ञाकारी बताते हुए कहा संसार मे इनसे बड़ा कोई आज्ञाकारी नही है।आज जन्माष्टमी पर्व की महत्ता बताते हुए इसे हर्षोल्लास से मनाने की बात कही।इस अवसर पर समिति अध्यक्ष रामस्वरूप बाहेती, सचिव शैलेन्द्र अग्रवाल, कोषाध्यक्ष घनश्यामदास शाह, प्रवक्ता नारायण बाहेती, सुनील जैन, सुनील बंसल, ओमप्रकाश अग्रवाल, सुधीर दलाल, राजनारायण परवाल, गोवर्धन अग्रवाल,अखिलेश गुप्ता,केदार कचोलिया, गोपाल बाहेती, नरेड़ी जी,दीपक पालीवाल, मंगलेश तोमर अनिल बाहेती, विनोद अग्रवाल, संदीप माहेश्वरी, विजय राठी,अलव अग्रवाल,के साथ ही जावरा,बड़ौदा, बांसवाड़ा इंदौर उज्जैन से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।