खरगोनमध्यप्रदेश

तंबाकू नियंत्रण के लिए जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक एवं कार्यशाला संपन्न

धारा 4 एवं 6 ब का हो पूर्ण परिपालन शैक्षणिक संस्थाओं को किया जाए तंबाकू मुक्त

तम्बाकू नियंत्रण के लिए जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक एवं कार्यशाला संपन्न

 

कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को दिए निर्देश

 

धारा 4 एवं 6 ब का हो पूर्ण परिपालन, शैक्षणिक संस्थाओं को किया जाए तंबाकू मुक्त

 

तंबाकू मुक्त गांव बनाने की पहल की जाए

 

📝🎯खरगोन से अनिल बिलवे की रिपोर्ट…

कलेक्टर श्रीमती भव्या मित्तल की अध्यक्षता में 05 मई को जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक एवं कार्यशाला का आयोजन कलेक्टर परिसर के सभागार में किया गया। कार्यशाला के दौरान श्री आनन्द वर्मा (परियोजना समन्वयक), मध्य प्रदेश वोलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष 13 से 14 लाख लोगों की मृत्यु तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण होती है।

 

 श्री वर्मा ने बताया कि वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण 2016-17 के अनुसार मध्य प्रदेश में 34 प्रतिशत वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू सेवन करते हैं और वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण के अनुसार मध्य प्रदेश में 13-15 वर्ष के 3.9 प्रतिशत विद्यार्थी किसी न किसी रूप में तंबाकू सेवन करते हैं। तंबाकू नियंत्रण करने के लिए भारत सरकार द्वारा तंबाकू नियंत्रण कानून सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 (कोटपा -2003) बनाया गया है। इस कानून की धारा-6 अ के अनुसार नाबालिगों को/द्वारा तंबाकू उत्पाद की बिक्री दंडनीय अपराध है। धारा 6 ब में शैक्षिक संस्थानों की 100 गज दूरी में किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद की बिक्री प्रतिबंधित है।

 

 उन्होंने बताया कि भारत सरकार की तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान गाईडलाइन्स, राज्य सरकार के आदेश एवं भारतीय तम्बाकू नियंत्रण कानून की विभिन्न धाराओं के अनुसार जिले के समस्त शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाया जा सकता है। इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट प्रतिषेध अधिनियम, 2019 के अनुसार ई-सिगरेट पूर्णतः प्रतिबंधित है। प्रतिषेध कानून 2019 की धारा 4 के अनुसार ई-सिगरेट का उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, विज्ञापन पर प्रतिषेध है। जिले में यदि कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्षतः या परोक्ष रूप से इसमें लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ उचित दंडात्मक कार्यवाही की जा सकती है। राज्य सरकार ने हुक्का बार प्रतिबंधित किया है। यदि कोई हुक्का बार संचालित करते हुए पाया जाता है तो दंडात्मक कार्यवाही के रूप में आर्थिक दंड एवं कारावास का प्रावधान है।

 

“तम्बाकू मुक्त गाँव” भारत सरकार की Standard Operating Procedure 2024 के अनुसार जिले में तम्बाकू मुक्त गाँव बनाने की जानकारी सांझा की गयी। कार्यशाला के दौरान स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायत विभाग सामाजिक न्याय विभाग, जनजाति कल्याण विभाग एवं अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे। बैठक के दौरान सीएमएचओ डॉ मोहन सिसौदिया द्वारा बताया गया कि जिला स्तर के बाद विकासखंड स्तर पर एवं नगर पालिका परिषद के समस्त अधिकारियों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। बैठक में सीईओ जिला पंचायत, जिला नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. अवधेश पाटीदार सहित अन्य जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

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