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निलांजना के नृत्य के दौरान मृत्यु देख कर राजा आदि कुमार को हुआ वैराग्य,

आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज के सान्निध्य में निमाड़ के उन पावागिरी में चल रहा है भव्य पंच कल्याणक महोत्सव,

निलांजना के नृत्य के दौरान मृत्यु देख कर राजा आदि कुमार को हुआ वैराग्य,

आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज के सान्निध्य में निमाड़ के उन पावागिरी में चल रहा है भव्य पंच कल्याणक महोत्सव,

खंडवा ऊन।। इंद्र सभा लगी हुई थी और उसमें नृत्यांगना निलांजना का नृत्य करते करते अचानक आयु समाप्त हो गई और सुधर्म इंद्र ने दूसरी नीलांजना को प्रस्तुत की पर ऋषभ कुमार महाराज ने कहा ये संसार असार है और वैराग्य हो गया , तुरंत ही अपना राज पाट छोड़ कर वन में जा कर मुनि दीक्षा ले ली । समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि मुझे दीक्षा के पूर्व प्रातः महावीर जयंती के उपलक्ष्य में भगवान महावीर की भव्य ,दिव्य शोभा यात्रा तलहटी मंदिर से पांडाल तक आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी ससंघ के सानिध्य में निकाली गई जहां पंच पहाड़ी पर भगवान के अभिषेक और शांतिधारा संपन्न हुई शोभा यात्रा में रथ पर रथ के सारथी बनने का सौभाग्य राजेंद्र भाई जटाले सनावद को प्राप्त हुआ, मंच पर आचार्य श्री के पाद प्रक्षालन आज गणिनी आर्यिका लक्ष्मी भूषण मति जी माताजी और गणिनी आर्यिका विशिष्ट श्री माताजी के दीक्षा जयंती और आचार्य श्री का आज 18 वा आचार्य पदारोहण दिवस पर पाद प्रक्षालन किया साथ ही अर्पित कुमार अशोक कुमार कासलीवाल परिवार ने भी पाद प्रक्षालन किया गया आचार्य श्री को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य आर्यिका माता जी और ट्रस्ट कार्याध्यक्ष हंसमुख जी झांझरी ने किया आचार्य श्री का पूजन गुलबराव जी मंडलोई परिवार ने प्राप्त किया आचार्य श्री ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अज्ञानता का दुख एक को दुखी नहीं करता कई लोगों को दुखी करता है,अतः हिंसा से पुत्र और संपत्ति प्राप्त नहीं होती है तीर्थंकर महावीर ने बताया कि पुत्र और संपत्ति पुण्य से मिलती है आचार्य श्री ने बताया कि पर्याय का अभिनंदन नहीं चाहिए परिणाम का अभिनंदन चाहिए जिस घड़ी भगवान का जन्म हुआ वो घड़ी आज की थी और हमारे ऊपर गुरु ने जो उपकार किया है संस्कार रोपित किए वो आज की शुभ घड़ी थी जो कि हमे हमें आचार्यों के मार्ग पर लगाया , अज्ञानि लोग देवों का पूजन करने जाते है जबकि हमारे जिन देव असंख्यात देवों के द्वारा पूजे जा रहे है । वर्धमान ने किसी को बुलाया नहीं किसी को भगाया नहीं महावीर ने सत्य अहिंसा को अपनाया सारा संसार महावीर का हो गया यह चैत्र माह में महा पुरुषों के जन्म हुए है भगवान आदिनाथ,महावीर भगवान राम भगवान, हनुमान जी अतः ये माह बहुत ही पुण्य माह है। पूर्ण अहिंसक धर्म एक मात्र जैन धर्म है। मनुष्य जब भी खुशी मानता है पुष्प और वनस्पति ले आता है यदि पुष्प चढ़ाना हो तो चारों पहरों में स्वतः जो गिरे हो वो चढ़ाओ और यदि आप वनस्पति और फूल को पंखुड़ी से तोड़ कर चढ़ा रहे हो तो गौ हत्या का दोष लग रहा है। महावीर ने कहा है के ये लोगों को पता ही नहीं है।
प्रातः धर्म सभा के पूर्व 8 वर्ष से बड़े बच्चों का अन्न प्राशन हुआ और यज्ञोपवीत संस्कार बड़वानी के अर्हत और आरना दोशी के पंडित धर्म चंद जी शास्त्री ने आचार्य संघ और आर्यिका संघ के सानिध्य में किया , सुनील जैन ने बताया कि दोपहर को इंद्र सभा हुई जिसमे राजा आदिनाथ भगवान को वैराग्य और महा मांडलिक और मुकुट बद्ध राजाओं द्वारा भेंट प्रदान की गई , भगवान को वैराग्य हो गया और अपना राज पाट अपने बेटे भरत बाहुबली को सौंप कर मुनि दीक्षा ले कर वन को चले गए ,आज इसी मंच पर दो आर्यिका दीक्षा के संस्कार भी गणिनी आर्यिका विशिष्ट श्री माताजी ने क्षुल्लिका माताजी विपथ श्री को आर्यिका दीक्षा और जय श्री दीदी छतरपुर को आर्यिका दीक्षा के संस्कार किए ।मंगलाचरण याशी जैन और जिनेशा जैन ने किया।
प्रचार मंत्री आशीष जैन एवं ट्रस्टी मनीष दोषी ने बताया कि आचार्य संघ के दर्शन के लिए प्रतिदिन प्रमुख राजनेताओं का आगमन जारी हैं। दीक्षा दिवस के दिन क्षेत्रीय विधायक बालकृष्ण पाटीदार, भगवानपुरा विधायक केदार डाबर, खरगोन नगर पालिका अध्यक्ष छाया जोशी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जगदीश पटेल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य संतोष पाटीदार, पूर्व मंडी उपाध्यक्ष छोटूलाल कुशवाह, शांतिलाल पाटीदार आदि ने आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी एवं संघ का आशीर्वाद लिया ।

“आज ज्ञान कल्याणक की समस्त
क्रियाएं संपन्न होगी ”

पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में शुक्रवार को भगवान के गर्भ कल्याणक की क्रियाएं संपन्न होगी उसके अंतर्गत सुबह नित्य अभिषेक पूजन के पश्चात आचार्य श्री की दिव्य देशना के पश्चात मुनिराज आदिनाथ की आहार चर्या होगी समस्त श्रद्धालु इच्छु (गन्ने) रस का आहार देंगे। दोपहर को समस्त प्रतिमाओं पर बीजारोपण किया जाएगा । शाम को दिव्य समोशरण की रचना होगी जिसमें आचार्य श्री श्रद्धालुओं की शंका का समाधान करेंगे।

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