
आई.वी.एफ. से माया बाई को 21 साल बाद मिला मातृत्व सुख
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खण्डवा//माया व उनके पति उमर सिंह यह दंपति 21 वर्षों से संतान न होने के कारण परेशान थे। उन्होंने कई जगह अपना उपचार करवाया, परंतु सफलता नहीं मिली। यह मानसिक तनाव के साथ परिवार और समाज के दबाव से भी काफी परेशान थे। 21 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद पता चला कि आई.वी.एफ. प्रक्रिया (इंट्रा विट्रो फर्टिलाइजेशन) आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के माध्यम से बच्चा हो सकता है। उन्होंने इंदौर में डॉ. प्रतिभा जोशी से संपर्क कर आई.वी.एफ. करवाने का फैसला किया। आई.वी.एफ प्रक्रिया आसान नहीं थी। इसमें शारीरिक और भावनात्मक रूप से तनाव था, लेकिन उनके पति ने हमेशा उनका साथ दिया और आई.वी.एफ.करवाया। कई प्रयासों के बाद आखिरकार माया गर्भवती हुई, जिसकी सूचना उसके परिवार के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं थी। 3 माह के पश्चात माया द्वारा श्री दादाजी धूनीवाले जिला चिकित्सालय खंडवा में डॉ. लक्ष्मी डुडवे स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाया गया एवं पूरे 9 महीने तक उनके मार्गदर्शन में सावधानी पूर्वक देखभाल एवं उपचार किया। उक्त महिला 3 मार्च 2025 को प्रसव के दर्द के साथ श्री दादाजी धूनीवाले जिला चिकित्सालय खंडवा में दिखाने के लिए आई। डॉ. लक्ष्मी डूडवे स्त्री रोग विशेषज्ञ ने देखा महिला हाई रिस्क की श्रेणी में थी। बीपी भी बढ़ा हुआ था और पेट में पानी की कमी हो गई थी एवं अन्य दूसरी जटिलताओं के कारण प्रसव कराना अत्यधिक चुनौती पूर्ण था। महिला को तत्काल ब्लड प्रेशर कम करने की दवाइयां एवं इंजेक्शन देकर उपचार शुरू किया। डॉ. मेघा होरे निश्चेतना विशेषज्ञ को दिखाया और उनके सहयोग से महिला को ऑपरेशन के लिए भर्ती किया। डॉ. लक्ष्मी डुडवे एवं ओटी की टीम द्वारा 3 अप्रैल को लगभग शाम के 7 बजे सफलता पूर्वक ऑपरेशन किया और स्वस्थ बेटी ने जन्म लिया जिसका वजन 3 किलो है और जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ है। बेटी के जन्म ने माया और उमर सिंह के जीवन को खुशियों से भर दिया। माया और पति उमरसिंह द्वारा डॉ. लक्ष्मी डुडवे स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. मेघा होरे निश्चेतना विशेषज्ञ, डॉ. संजीव दीक्षित निश्चितना विशेषज्ञ एवं सिविल सर्जन डॉ. अनिरुद्ध कौशल और टीम का आभार व्यक्त किया।