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जसबीर सिंघ छाबड़ा के निधन उपरांत परिजनों की सहमति से हुआ नेत्रदान,

लायन्स नेत्रदान एवं देहदान समिति के सहयोग से हुआ 506 वां नेत्रदान,

एडिटर/संपादक/तनीश गुप्ता,खण्डवा

जसबीर सिंघ छाबड़ा के निधन उपरांत परिजनों की सहमति से हुआ नेत्रदान,

लायन्स नेत्रदान एवं देहदान समिति के सहयोग से हुआ 506 वां नेत्रदान,

देह के दान से विद्यार्थी अच्छे डॉक्टर बनकर सेवा करते हैं, नेत्र के दान से दृष्टि बाधित भी दुनिया देख सकते हैं,

खण्डवा। एलआईजी किशोर नगर खण्डवा निवासी जसबीर सिंघ छाबड़ा का निधन हो गया। नारायण बाहेती ने बताया कि पुत्री कमलजीत कौर छाबड़ा,भतीजे गोल्डी चुग्गा ने नेत्रदान स्वीकृति पत्र पर हस्ताक्षर कर सहमति प्रदान की। परिवारजनों की सहमति से लायन्स नेत्रदान, देहदान जनजागृति समिति,लायन्स क्लब खंडवा, सक्षम संस्था खण्डवा व एम के आई बैंक व लियो क्लब खण्डवा के सहयोग से समिति के नारायण बाहेती ,डॉ सोमिल जैन, नेत्र चिकित्सा सहायक प्रहलाद तिरोले ,घनश्याम वाधवा,डॉ राधेश्याम पटेल,डॉ दिलीप हिन्दुजा,राजीव शर्मा,राजीव मालवीय,डॉ कोमल हिन्दुजा,अनिल बाहेती, सुरेन्द्रसिंह सोलंकी , सुनील जैन,गांधीप्रसाद गदले, रणवीर सिंह चावला , चंचल गुप्ता, लियो अर्पित बाहेती, सुमित परिहार शिवम जायसवाल के सहयोग से नेत्रदान प्रक्रिया पूर्ण की । समिति के सहयोग से यह 506 वा नेत्रदान संपन्न हुआ ।नेत्रदान पश्चात परिवारजनो को नेत्रदान आभार पत्र सौपा गया, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि नेत्रदान में सिर्फ कार्निया निकाला जाता है।पूरी आंख नहीं निकाली जाती।जिससे चेहरा विभत्स नही होता।देह जिस स्थान पर हो टीम वहाँ पहुचकर नेत्रदान करवाती है।नेत्रदान व देहदान की जानकारी, घोषणा पत्र भरने के लिए समिति से कभी भी सम्पर्क किया जा सकता। बीपी के मुख्य संयोजक समिति के नारायण बाहेती के अथक प्रयासों समिति की पूरी टीम के सहयोग से जहां अब तक 506 नेत्रदान संपन्न हुए वहीं 16 व्यक्तियों के निधन उपरांत देह मेडिकल कॉलेज को प्रदान की गईं। निधन होने के पश्चात देह के दान से डॉक्टर बनने जा रहे विद्यार्थियों के लिए यह देह गुरु का कार्य करती है जिससे यह विद्यार्थी मेडिकल की पढ़ाई कर डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा एवं जान बचाने का कार्य करते हैं, नेत्रदान के माध्यम से भी निधन के पश्चात हमारी आंखें दृष्टि बाधित लोगों को दुनिया दिखाने का कार्य करती है, समिति आम जनों से आह्वान करती है कि देहदान एवं नेत्रदान के पुण्य कार्य में सहयोगी बने।

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