
जैन तीर्थ सिद्धवरकूट में यात्रियों के लिए चार कमरों का मुनि संघ के सानिध्य में में हुआ लोकार्पण,
विश्व में शांति एवं सभी के कल्याण के लिए मंडल विधान की पूजा एवं महामस्तकाभिषेक के साथ मेले का हुआ समापन,
खंडवा।। रेवा मां नर्मदा के तट पर स्थित हजारों वर्ष पूर्व के प्राचीन खंडवा जिले में स्थित तीर्थ क्षेत्र सिद्धवरकूट जहां से दो चक्री 10 काम कुमार सहित करोड़ो मुनियों ने तप और तपस्या करते हुए मोक्ष पाया था, ऐसी तीर्थ नगरी मे देश भर से आने वाले श्रद्धालु एवं आसपास के सामाजिक बंधुओ के सहयोग से लगातार प्रगति की ओर अग्रसर है, तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष अमित कासलीवाल, महामंत्री विजय काला एवं क्षेत्र के समस्त टष्टियों के मार्गदर्शन में आगे बढ़ रहा है, समाजसेवी व सिद्ध क्षेत्र के सदस्य सुनील जैन ने बताया कि मनभावन सिद्धवरकूट तीर्थ अपनी प्राचीन परंपरा को धारण करते हुए प्रगति की ओर अग्रसर है, पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय देव कुमार सिंह जी कासलीवाल, प्रदीपजी कासलीवाल के पश्चात अमित कासलीवाल महामंत्री विजय काला एवं ट्रस्ट मंडल के मार्गदर्शन में तीर्थ में लगातार जिणोध्दार और सौंदर्यीकरण कार्य चल रहा है, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि अभी आठ कमरों का नवीनीकरण कार्य किया जा रहा है, जिसमें चार कमरे अनीता जीवन कुमार जैन,लवीना अर्पित जैन गोयल नगर इंदौर, सुमति देवी सोहनलाल जैन, सुनीता सुबोध जैन, इशिता संभव जैन, प्लाइवुड इंदौर एवं राकेश, अंकुर, राजीव, अनिल,अरुण जैन नोएडा नई दिल्ली के सहयोग से बनकर तैयार हुए जिनका लोकार्पण तीर्थ क्षेत्र में विराजमान मुनि श्री सुखसागर एवं निमाड के गौरव अंतर्मुखी पूज्य सागर जी महाराज एवं भजन गायक कमल जैन बड़वाह के मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुआ, क्षेत्र के प्रचार संयोजक राजेंद्र महावीर जैन ने बताया कि इस तीर्थ क्षेत्र का जैन धर्म के प्राचीन निर्वाण कांड में भी उल्लेख है, मां नर्मदा के तट पर ओंकारेश्वर परियोजना के समीप इस तीर्थ का काफी महत्व है, 11वीं सदी की भगवान आदिनाथ की प्राचीन प्रतिमा के साथ ही हर कार्य को संभव करने वाले भगवान संभावनाथ की मूल नायक चमत्कारी प्रतिमा भी तीर्थ क्षेत्र में मौजूद है, जहां आकर श्रद्धालु शांति का अनुभव करते हैं, क्षेत्र के सदस्य सुनील जैन प्रेमांशु चौधरी ने बताया कि प्रतिवर्ष होली के अवसर पर दो दिवसीय वार्षिक मेले का आयोजन होता है, इस वर्ष मुनि संघ के सानिध्य में विश्व में शांति एवं सभी के कल्याण के लिए पंच परमेष्ठी मंडल विधान की पूजा के साथ भगवान पार्श्वनाथ की शोभायात्रा निकाली गई, एवं मुनि संघ ने अपने प्रवचन में सभी उपस्थित श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि तीर्थ क्षेत्र की सुरक्षा और रक्षा के लिए हमारे हाथ सदैव आगे रहे, तीर्थो पर आकर सहयोग करते रहे ताकि हमारी प्राचीन तीर्थ धरोहरों को हम हमारी पीढ़ी के लिए उपलब्ध करा सके, वार्षिक मेले का समापन भगवान बाहुबली के महामस्तकाभिषेक एवं मंदिरों पर ध्वजारोहण के साथ संपन्न हुआ, स्वर्ण एवं रजत कलशो से अभिषेक करने का सौभाग्य डॉक्टर सुभाष जैन खंडवा, बाबूलाल जैन, विकास कासलीवाल, जीवन जैन, अशोक जैन, आशीष चौधरी, इंदरचंद जैन, शांतिलाल कासलीवाल परिवार को प्राप्त हुआ। रविवार को तीर्थ क्षेत्र में विराजमान सुख सागर जी महाराज ने नेमावर जाने के लिए विहार किया एवं पूज्य सागर जी महाराज का विहार सोमवार सुबह सनावद के लिए होगा, कार्यक्रम का संचालन आशीष चौधरी कमल जैन द्वारा किया गया, एवं आभार विजय काला एवं बाबूलाल जैन द्वारा माना गया,