
अपने घरों की पक्की छतों पर ‘‘रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम‘‘ अवश्य लगवाएं
छैगांवमाखन में जल समितियों के सम्मेलन में कलेक्टर श्री गुप्ता ने ग्रामीणों से की अपील
खंडवा 8 अगस्त 2025, वर्षा ऋतु में खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में ही रोकने के लिए सभी ग्रामीण मिलकर सामूहिक प्रयास करें। अपने परिवारजनों तथा अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए वर्षा का पानी बचाएं। यह बात कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने छैगांवमाखन के मंडी प्रांगण में आयोजित विकासखंड स्तरीय जल समितियों के प्रशिक्षण के लिए आयोजित सम्मेलन में संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम में विधायक श्रीमती छाया मोरे, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पिंकी सुदेश बानखेडे, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा, जिला पंचायत सदस्य श्री राम चौधरी भी मौजूद थे।
कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि हर वर्ष भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। हमें आज से ही पानी बचाने के लिए विशेष प्रयास करना होंगे। पानी बचाने की दिशा में हम अभी नहीं जागे, तो बहुत देर हो जाएगी। उन्होंने जल समितियों के सदस्यों से कहा कि गांव-गांव में पानी का महत्व बतायें और सभी से वर्षा का पानी बचाने की अपील करें।
कलेक्टर श्री गुप्ता ने जल समितियों के उपस्थित सदस्यों से अपील की कि पहले वे अपने घरों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवायें और फिर गांव के अन्य लोगों को भी उनके घरों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए प्रेरित करें।
कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि हम जितना पानी खर्च करते हैं, उतना पानी बचाने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है। जिले की हर पक्की छत से वर्षा का पानी भूजल संवर्धन के उपयोग में आए, यह अगले 1 वर्ष में हमें सुनिश्चित करना है। कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि अमृत संचय अभियान के तहत हमें जिले के सभी शासकीय व प्राइवेट भवनों की पक्की छतों पर रूफवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना है, ताकि वर्षा के पानी की एक-एक बूंद जमीन में समाकर भूजल स्तर को बढ़ाए। उन्होंने कहा कि 30 जून, 2026 तक जिले के प्रत्येक मकान की पक्की छत पर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए “मिशन अमृत संचय” प्रारंभ किया गया है।
कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौड़ा ने जल बजट के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने बोरी बंधान, खेत तालाब, गली प्लग, मेढ़ बंधान जैसी जल ग्रहण संरचनाओं की उपयोगिता और उन्हें बनाने के तरीकों के बारे में भी बताया। उन्होंने जल समितिययों के दायित्वो के बारे में भी बताया। सीईओ डॉ. गौडा ने बताया कि मिशन अमृत संचय के तहत भूजल संरक्षण की दिशा में सराहनीय कार्य करने वाली पंचायतो को चयनित कर पुरस्कृत किया जाएगा।
इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर श्री कुलदीप फरे, श्री के बी मनसारे, काजल इंदौरे, विवेक केसरे, के के पाराशर प्रवीण पाटिल तथा संगीता इकले द्वारा जल समिति के सदस्यों को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से भूजल संरक्षण के संबंध में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। जल समिति के सदस्यों को बोरी बंधान बनाने, डगवेल रिचार्ज बनाने, हैंड पंपों के आसपास सोखता गड्ढे बनाने, मेढ़ बंधान, नाला गहरीकरण कंटूर ट्रेंच जैसी जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण के संबंध में भी प्रशिक्षण के दौरान जानकारी दी गई।