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बिहार में ढहते पुलों पर नीतीश सरकार अलर्ट सीएम ने ग्रामीण कार्य विभाग को दिया टास्क..

* बिहार /पटना: पुलों के लगातार गिरने की घटना को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने काफी गंभीरता से लिया है। बुधवार की शाम उन्होंने वरीय अधिकारियों के साथ 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में पथों एवं पुलों के रखरखाव को लेकर समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग की तर्ज पर ग्रामीण कार्य विभाग को भी शीघ्र रख रखाव नीति (मेंटेनेंस पॉलिसी) तैयार करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग पुलों के रखरखाव के लिये एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार कर सभी पुलों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित कराएं। दोनों विभाग पथों एवं पुलों के रखरखाव को लेकर सतर्क रहें और लगातार निगरानी करते रहें। कार्यों में किसी प्रकार की शिथिलता बरतने पर जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि जितने भी पुराने पुल हैं, उसकी स्थिति की जानकारी लें और स्थल पर जाकर निरीक्षण करें। सभी पुलों के रखरखाव के लिये उचित कार्रवाई करें।

*उन्होंने कहा कि जो भी निर्माणाधीन पुल हैं, उसका निर्माण कार्य गुणवतापूर्ण तरीके से समय पर पूर्ण करायें। इसके पहले बैठक में पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत एवं ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने अपने-अपने विभागों के पथों तथा पुलों के निर्माण एवं रखरखाव से संबंधित जानकारी विस्तार से दी।

*मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 से हर क्षेत्र में लगातार विकास के कार्य किये जा रहे हैं। लोगों को आवागमन में सुविधा के लिये बड़ी संख्या में पथों एवं पुलों का निर्माण कराया गया है। हमारा उ‌द्देश्य सिर्फ बेहतर सड़क और पुलों का निर्माण करना ही नहीं है बल्कि उसका बेहतर रखरखाव भी है। इसीलिए पुलों के लिये मेंटेनेंस पॉलिसी बनाने का निर्णय लिया गया था। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, सचिव अनुपम कुमार, पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष अभय कुमार सिंह उपस्थित थे।

*इसके अलावा जल संसाधन विभाग छाड़ी नदी पर बने पुलों के क्षतिग्रस्त होने के लिए दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई करेगा। विभाग इसकी जांच उड़नदस्ता संगठन से कराएगा। यही नहीं इनके स्थान पर वहां नये पुलों का भी निर्माण होगा। बीते कुछ घंटो में सीवान जिलान्तर्गत महाराजगंज, दरौंदा और लहलादपुर और गोपालगंज जिलान्तर्गत बरौली प्रखंड में छाड़ी नदी पर स्थित कुछ दशकों पुराने पुल-पुलिया बुधवार को आंशिक या पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

*।इससे पहले इसी महीने अररिया से पुल ढहने का जो सिलसिला शुरू हुआ वो अबतक थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 11 दिनों में 10 पुल तबाह हो चुके हैं। पुलों के गिरने की जांच के लिए आरडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चौधरी ने एक उच्च स्तरीय समिति का भी गठन किया गया है। जिसकी अध्यक्षता मुख्य अभियंता करेंगे। साथ ही 3 दिनों में रिपोर्ट भी सौंपेंगे। इस जांच समिति का काम पुल ढहने के कारणों का पता लगाना और आवश्यक कदम उठाने के उपाय भी सुझाना होगा।

*आपको बता दें दरअसल दो हफ्तों में पुल ढहने की 10 घटनाएं हो चुकी हैं। किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड के खौसी डांगी गांव की जहां वर्ष 2009-10 में बूंद नदी पर बनाया गया छोटा पुल ढह गया था। वहीं अररिया, पश्चिम चंपारण और सीवान जिले में भी पुल गिर चुके हैं। वहीं बीते 18 जुलाई को पड़ोसी जिले अररिया में एक पुल उद्घाटन से पहले ही ध्वस्त हो गया था। इससे उसके निर्माण कार्य पर जमकर सवाल उठे।

*23 जून को पश्चिम चंपारण जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाए जा रहे एक निर्माणधीन पुल का हिस्सा गिर गया था। 22 जून को सीवान के महाराजगंज में भी एक पुल गंडक नहर में समा गया। बिहार में मॉनसून के आते ही पुलों के गिरने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। जो अभी तक थमता नहीं दिख रहा।

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