कटनी, रीठी।। GANESH UPADHYAY VANDE BHARAT LIVE TV NEWS KATNI MP
कटनी जिले की रीठी तहसील मुख्यालय में चल रहे सरकारी निर्माणाधीन भवनों की तराई न होने के कारण उनका भविष्य खतरे में नजर आ रहा है। तो वहीं कई करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद जिम्मेदार अधिकारी बंदरबांट के खेल में मस्त नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि रीठी पठार क्षेत्र है और इस भीषण गर्मी में यहां लोगों को पीने के लिए भी पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में सरकारी निर्माणाधीन भवनों की ठेकेदारों द्वारा पानी से तराई नहीं की जा रही है। जिसके चलते निर्माणाधीन सरकारी बिल्डिंगों का भविष्य खतरे में पड़ता नजर आ रहा है। वहीं निर्माण कार्यों की देखरेख के लिए नियुक्त विभागीय इंजीनियर भी इस गंभीर लापरवाही पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते ठेकेदार मानकों को दफन कर निर्माण कार्य के नाम पर सिर्फ लीपापोती कर रहे हैं।
छत ढलाई के बाद नहीं हुई तराई
देखा गया कि रीठी तहसील मुख्यालय में बन रहे पोस्ट मार्टम हाउस के नवीन भवन में ठेकेदार द्वारा छत ढलाई करने के बाद एक भी बार तराई नहीं की गई। इससे ही बिल्डिंग की मजबूती का अंदाजा लगाया जा सकता है। ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग कर गुणवत्ता विहीन कार्य किया जा रहा है। जिसके चलते उक्त नवीन पोस्ट मार्टम हाउस का भविष्य खतरे में दिखाई पड़ रहा है। देखा गया कि यहां उपयंत्री की सांठगांठ के चलते पुरानी दीवारों में छपाई कर दी गई है। बताया जाता है कि पोस्ट मार्टम हाउस की नवीन बिल्डिंग की छत ढलाई के तुरंत बाद ठेकेदार गायब हो गया था, जो करीब एक माह बाद फिर निर्माण कार्य शुरू करने आया है। अब ऐसे स्थिति में छत ढलाई की कैसे तराई हुई होगी इससे ही सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।
सीएम राइज के भी यही हाल
रीठी में बन रहे सीएम राइज स्कूल के नवीन तीन-चार मंजिला इमारत के भी यहीं हाल है। जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के चलते यहां भी दिवारों की छपाई व अन्य निर्माण कार्य के बाद तराई नहीं कराई जा रही है। जिसके चलते छपाई हुई दिवारों से रेत झरने लगी हैं। बताया गया कि भवन निर्माण के दौरान ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। जबकि निर्माण कार्य की अच्छी तरह से तराई न होने के कारण शासन की करोड़ों रुपए की राशि खर्च कर बनाई जा रही बिल्डिंग का भविष्य खतरे में चले जाएगा बावजूद इसके जिम्मेदारों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रीठी मुख्यालय में सरकारी भवनों के निर्माण कार्य में ठेकेदारों द्वारा मनमानी की जा रही है।