
रिपोर्टर= भव्य जैन
हरिद्वार। उत्तराखंड का पावन तीर्थक्षेत्र हरिद्वार आस्था और अध्यात्म का जीवंत हर की पोड़ी गंगा घाट पर मां गंगा के दर्शन और पूजन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। भक्तगण दूर-दूर से यहां आकर अपने दिवंगत परिजनों की अस्थियों का विसर्जन एवं पिंडदान करते हैं, साथ ही पुण्य अर्जन के लिए गंगा स्नान भी करते हैं।
शाम ढलते ही हर की पौड़ी का नज़ारा अलौकिक हो जाता है, जब हजारों श्रद्धालु मां गंगा की संध्या आरती में शामिल होते हैं। आरती की घंटियों की गूंज, मंत्रोच्चारण और लहरों पर तैरते दीपकों की सुनहरी छटा पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती है। गंगा किनारे बैठकर आरती के इस अद्भुत दृश्य का दर्शन करने के लिए देश-विदेश से पर्यटक हरिद्वार आते हैं।
गोरखपुर से आए श्रद्धालु रामनारायण शर्मा ने कहा, “ऐसा लगता है जैसे धरती पर स्वर्ग उतर आया हो, गंगा आरती देखने के बाद मन में अजीब सी शांति और ऊर्जा का अनुभव होता है।” वहीं दिल्ली से आई पर्यटक स्नेहा अग्रवाल ने बताया, “यहां की भक्ति, लोगों की श्रद्धा और मां गंगा की महिमा शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। ये पल जीवनभर याद रहेंगे।”
स्थानीय पुजारी पं. गोविंद शास्त्री के अनुसार, “हर की पौड़ी पर रोज़ाना संध्या आरती में देशभर से हजारों लोग जुड़ते हैं। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि मां गंगा के प्रति आभार और कृतज्ञता का अद्भुत प्रदर्शन है।”
हर की पौड़ी पर रोज़ाना आस्था का ऐसा संगम देखने को मिलता है, जो जीवनभर की यादों में बस जाता है। यहां की पवित्र गंगा आरती न केवल श्रद्धालुओं के हृदय को शांति देती है, बल्कि आत्मा को भी सुकून का अनुभव कराती है।