कटनीमध्यप्रदेश

पान मसाला गुटखा  कंपनी  लोगो को बना रही नशे का आदि आम जनता हो रही  गुटखा सेवन से कैंसर जैसी  खरनाक वीमारी का शिकार*

पान मसाला गुटखा  कंपनी  लोगो को बना रही नशे का आदि आम जनता हो रही  गुटखा सेवन से कैंसर जैसी  खरनाक वीमारी का शिकार*

कटनी से सौरभ श्रीवास्तव की रिपोर्ट

 

 

 

 

कटनी – मध्य प्रदेश में गुटखा उत्पादों पर प्रतिबंध लगा हुआ है. गुटखा और पान मसाले के सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं, जिनमें कैंसर, दांतों का नुकसान और श्वसन तंत्र की बीमारियाँ शामिल हैं. मध्य प्रदेश में गुटखा और पान मसाले के उत्पादन, बिक्री और भंडारण पर प्रतिबंध लगा हुआ है.

गुटखा और पान मसाले के विज्ञापन पर भी प्रतिबंध है. उसके बाद भी कटनी शहर मे जगह जगह दूकान पान टपरो मे विभिन्न पान मसाला कंपनियों के उत्पाद जैसे राजश्री, विमल, कैश, सिग्नेचर, लहर, पटेल, पहेली और तो कई पान मसाला गुटका लहर जैसे कई गुटखा का निर्माण और उत्पाद यही कटनी मे लोकल किया जा रहा गुटखा और पान मसाले के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में सार्वजनिक जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं.

गुटखा और पान मसाले के अवैध व्यापार को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाती है.

गुटखा और पान मसाले के सेवन से होने वाले नुकसान:

कैंसर:

गुटखा और पान मसाले में मौजूद निकोटीन, कैफीन और अन्य रसायन विभिन्न प्रकार के कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं, जिनमें मुंह, जीभ, मसूड़े, पेट, ग्रासनली (गला) और मूत्राशय का कैंसर शामिल है.दांतों का नुकसान गुटखा और पान मसाले के सेवन से दांतों का मसूड़े पीछे हटने लगते हैं, दांतों में सड़न और दांतों का रंग भी बदल जाता है.श्वसन तंत्र की बीमारियाँ:गुटखा और पान मसाले के सेवन से श्वसन तंत्र की बीमारियाँ हो सकती हैं, जैसे कि अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों का कैंसर.अन्य स्वास्थ्य समस्याएं:

गुटखा और पान मसाले के सेवन से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है. एक ओर जहाँ पान मसाला गुटखा क़े विक्रय पर प्रतिबन्ध लगा हुआ है वही दुशरी ओर पान मसाला गुटखा कम्पनिया अपना विक्रय बड़ाने क़े लिए शहर मे बड़े बड़े विज्ञापन पोस्टर लगा रही है इन पर प्रशासन कोई कार्यवाही क्यों नहीं करता है दुकानों टपरो मे टंगे पान मसाला और गुटके लोगो को नशे का आदि बना रहे है पान मसाला का कटनी शहर मे डेली कई लाखों का व्यापार प्रतिदिन होता और आम लोग 100 से 200रूपए प्रतिदिन गुटखा खाने मे बर्बाद कर देते है जिस्से गंभीर ख़तरनाक कैंसर जैसी बीमारियां होती है| मेन मुद्दा ये है की प्रशासन इस ओर कोई ध्यान क्यों नहीं दे रहा क्या शासन को इन पान मसाला कंपनियों से मोटा टैक्स प्राप्त होता है इस लिए प्रशासन शासन गुटखा कंपनियों क़े सामने कार्यवाही करने को लेकर नतमस्तक नज़र आता है

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