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जन्माष्टमी पर रायसेन के 700 साल पुराने मंदिर पहुंचे सीएम:महलपुर पाठा के श्री राधाकृष्ण मंदिर में की पूजा; हलधर महोत्सव में हुए शामिल रायसेन

जन्माष्टमी पर रायसेन के 700 साल पुराने मंदिर पहुंचे सीएम:महलपुर पाठा के श्री राधाकृष्ण मंदिर में की पूजा; हलधर महोत्सव में हुए शामिल रायसेन

मध्य प्रदेश सहायक प्रमुख प्रवीण कुमार दुबे

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जन्माष्टमी के अवसर पर रायसेन जिले के महलपुर पाठा पहुंचे। सीएम सुबह करीब 11:30 बजे यहां पहुंचे और 13वीं शताब्दी के ऐतिहासिक श्री राधा-कृष्ण मंदिर में पूजा-अर्चना की।

इसके बाद ‘श्रीकृष्ण पर्व’ हलधर महोत्सव और लीला पुरुषोत्तम प्रकटोत्सव में शामिल होने के लिए मंच पर पहुंचे। इस दौरान मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री नारायण सिंह पंवार, स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल और सांची विधायक डॉ. प्रभुराम चौधरी भी मौजूद है।

सीएम और मंत्रियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
सीएम और मंत्रियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

लोकनृत्य और भक्ति संगीत से सजेगा कार्यक्रम

कार्यक्रम में सागर के कडोरी प्रजापति एवं ग्रुप द्वारा बधाई और बरेदी लोकनृत्य प्रस्तुत किया जाएगा, जबकि भोपाल की वाणी राव और उनके साथी कलाकार श्रीकृष्ण भक्ति गीतों की प्रस्तुति देंगे।

मंदिर में श्री राधा, श्रीकृष्ण और रुक्मणि की प्रतिमाएं एक ही श्वेत पत्थर पर उकेरी गई हैं।
मंदिर में श्री राधा, श्रीकृष्ण और रुक्मणि की प्रतिमाएं एक ही श्वेत पत्थर पर उकेरी गई हैं।

राधा-कृष्ण की अद्भुत प्रतिमा, शिल्पकला का अनोखा उदाहरण

इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां श्री राधा, श्रीकृष्ण और रुक्मणि की प्रतिमाएं एक ही श्वेत पत्थर पर उकेरी गई हैं, जो मध्यकालीन शिल्पकला का अद्वितीय नमूना हैं। मंदिर परिसर के पास शिवलिंग, नंदी, गणेश, नागदेवता और नटराज की मूर्तियां भी मौजूद हैं। चारों ओर फैले घने जंगल और दर्जनों पुरानी बावड़ियां इस स्थान को और भी पौराणिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर बनाते हैं।

अंग्रेजों ने भी किया था प्रतिमा ले जाने का प्रयास

गांव के बुजुर्ग प्रेम नारायण राय ने बताया कि ब्रिटिश काल में एक अंग्रेज को श्रीकृष्ण की इस मूर्ति से आकर्षण था। उसने पहले खुद को साधु बताया और फिर प्रतिमा को ले जाने का प्रयास किया, लेकिन वह असफल रहा। आज भी यह कहानी गांव में पीढ़ी दर पीढ़ी सुनाई जाती है।

ग्रामीणों ने बताया कि महलपुर पाठा का यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री की यह यात्रा यहां के गौरवशाली अतीत को फिर से रेखांकित करने का अवसर होगी।

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