बरठीं में मातम, चट्टान ने ली 15 जिंदगियाँ
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में मंगलवार शाम एक दर्दनाक हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। झंडूता उपमंडल के बरठीं क्षेत्र में एक निजी बस पर अचानक पहाड़ से भारी भूस्खलन हुआ। देखते ही देखते बस मलबे के नीचे पूरी तरह दब गई। हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
यह हादसा शाम करीब 6:25 बजे हुआ, जब बस मरोतन से घुमारवीं की ओर जा रही थी। भल्लू पुल के पास अचानक भारी मात्रा में मिट्टी और चट्टानें ढह पड़ीं और सीधा बस पर गिर गईं। बस में लगभग 30 से 35 यात्री सवार थे।
राहत और बचाव कार्य जारी
हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोग, पुलिस, अग्निशमन दल और प्रशासनिक टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम देर रात तक जारी रहा। अब तक कुछ घायलों को सुरक्षित निकाला गया है, जिनमें दो युवतियाँ भी शामिल हैं।
घायलों को नजदीकी बरठीं अस्पताल और झंडूता स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।
रात होते ही एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की टीम भी मौके पर पहुंच गई। प्रशासन ने बताया कि बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है और अभी भी कुछ लोग मलबे में दबे हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को संवेदना दी और घायलों को हरसंभव चिकित्सा सुविधा देने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह एक अत्यंत दुखद घटना है। सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है और राहत कार्य तेज़ी से जारी हैं।”
केंद्र सरकार ने भी राज्य प्रशासन से संपर्क कर स्थिति की जानकारी ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों के लिए ₹2 लाख और घायलों के लिए ₹50,000 की सहायता राशि की घोषणा की है।
हादसे के संभावित कारण
विशेषज्ञों के अनुसार इस क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही थी, जिससे पहाड़ी ढलानों की मिट्टी कमजोर पड़ गई थी। बरठीं क्षेत्र भूस्खलन-प्रवण माना जाता है।
कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क किनारे पहाड़ी कटिंग के कारण चट्टान पहले से ही अस्थिर हो गई थी। प्रशासन ने इस क्षेत्र में अब यातायात को अस्थायी रूप से रोक दिया है।
स्थानीय लोगों का बयान
बरठीं निवासी सुरेश ठाकुर ने बताया, “बस को हम कुछ ही मिनट पहले गुजरते देख रहे थे। अचानक ऐसा लगा जैसे पहाड़ फट गया हो। पूरा इलाका धूल और मलबे से भर गया।”
एक अन्य चश्मदीद ने कहा, “लोगों ने अपने हाथों से मलबा हटाना शुरू किया। रोने-चिल्लाने की आवाजें गूंज रही थीं।”
चेतावनी और भविष्य की योजना
प्रशासन ने इलाके में भूस्खलन अलर्ट जारी किया है और लोगों से आग्रह किया है कि वे अनावश्यक रूप से यात्रा न करें।
आपदा प्रबंधन विभाग ने इस क्षेत्र में स्थायी सुरक्षा दीवार और जल निकासी व्यवस्था मजबूत करने की सिफारिश की है।
फिलहाल राहत एवं बचाव दल मौके पर डटे हुए हैं और मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
प्रदेशभर में इस दर्दनाक हादसे के बाद शोक की लहर दौड़ गई है।










