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*ऋषि-मुनियों पर प्रभु श्रीराम का अनुग्रह सुन भावविभोर हुए श्रद्धालु*

*श्रीधराचार्य जी महाराज ने राम के ऋषियों के प्रति करुणा व मर्यादा का किया वर्णन*

*ऋषि-मुनियों पर प्रभु श्रीराम का अनुग्रह सुन भावविभोर हुए श्रद्धालु*

*श्रीधराचार्य जी महाराज ने राम के ऋषियों के प्रति करुणा व मर्यादा का किया वर्णन*

खण्डवा। नवकार नगर स्थित नक्षत्र गार्डन में चल रही श्रीमद् वाल्मीकीय श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ के षष्ठ दिवस पर कथा व्यास परम पूज्य जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री श्रीधराचार्य जी महाराज ने भगवान श्रीराम के ऋषियों पर अनुग्रह एवं करुणा के प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन किया। कथा सुनते ही श्रद्धालु भक्ति में डूबकर मंत्रमुग्ध हो उठे।

महाराजश्री ने कहा कि भगवान श्रीराम केवल अयोध्या के राजा नहीं, बल्कि समस्त प्रजा और तपस्वी ऋषि-मुनियों के भी रक्षक और कल्याणकारी हैं। वनवास के दौरान जब ऋषियों ने राक्षसों के उत्पीड़न से मुक्ति की प्रार्थना की, तब श्रीराम ने अपने धनुष-बाण से उनके दुःख हरने का संकल्प लिया। यह प्रसंग बताता है कि धर्म की रक्षा और संतजन की सेवा ही श्रीराम के जीवन का वास्तविक उद्देश्य था।प्रवक्ता नारायण बाहेती व सुनील जैन ने बताया कि महाराजश्री ने कहा कि संत और महात्मा समाज की शक्ति हैं और प्रभु श्रीराम ने उनके सम्मान की जो परंपरा स्थापित की, वह आज भी युगों-युगों तक मार्गदर्शन देती है। कथा स्थल जय-जय सियाराम के गगनभेदी नारों से गूंज उठा।
व्यासपीठ का पूजन मुख्य यजमान राजेंद्रप्रसाद भगवानसहाय अग्रवाल, परिवार व समिति अध्यक्ष रामस्वरूप बाहेती, सचिव शैलेन्द्र अग्रवाल, कोषाध्यक्ष घनश्यामदास शाह ने किया। इस अवसर पर पं. लक्षमीदत्त दाधीच, उमेश बंसल,हरिवल्लभ मुक्तिलाल नरेड़ी,राजनारायण परवाल,राजेन्द्र गर्ग,किशन लाल अग्रवाल,सुनील बंसल, ओम प्रकाश अग्रवाल,सुधीर दलाल, गोवर्धन अग्रवाल,सुनील जैन,अखिलेश गुप्ता,नारायण बाहेती, अनिल बाहेती,राजेन्द्र अग्रवाल,राजेन्द्र गर्ग,सुनील तिवारी,विजय राठी, संजय जियालाल, केदार कचोलिया, दीपक पालीवाल, संदीप माहेश्वरी, विनोद अग्रवाल,राजेश अग्रवाल ,अमित दाधीच,योगेन्द्र अग्रवाल, घनश्याम अग्रवाल,नरेश जांगिड़, मांगीलाल जांगिड़ सहित लायन्स क्लब खण्डवा, रोटरी क्लब खण्डवा निमाड़ ,वैश्य महासम्मेलन विभिन्न समाजसेवी संस्था के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।प्रतिदिन दोपहर 2 से सायं 6 बजे तक चल रही कथा में अधिक से अधिक श्रद्धालुओं से पधारने की अपील की गई। महाआरती व प्रसाद वितरण के साथ कथा का समापन हुआ। आभार सचिव घनश्यामदास शाह ने माना।

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