📝खरगोन 18 जुलाई 2025। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने अपने 44वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में कृषि विज्ञान केंद्र खरगोन में 18 जुलाई को कृषक, एफ़पीओ, सहकारी समितियों, कृषि वैज्ञानिकों के साथ कार्यक्रम मनाया।
श्री विजेंद्र पाटिल, डीडीएम नाबार्ड ने बताया कि “अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष” के चलते नाबार्ड के स्थापना दिवस पर सहकारीता समितियों द्वारा दलहन, तिलहन एवं प्रकृतिक खेती पर एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गयी। इसमंे खरगोन जिले से 10 बीज उत्पादक समितियों एवं नाबार्ड की विभिन्न परियोजनाओं से जुड़े कृषकों ने शिरकत की। समितियों ने अपने बीज उत्पादन प्रक्रिया की जानकारी दी। कृषि वैज्ञानिकों एवं डीडीएम नाबार्ड ने दलहन, तिलहन फसलों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए, कृषकों को यह फ़सले लगाने के लिए प्रोत्साहित किया।
डीडीएम ने बताया कि पिछले 43 वर्षों से कृषि और ग्रामीण विकास क्षेत्र में नाबार्ड द्वारा किए जा रहे प्रमुख कार्यों में संवर्धनात्मक और विकासात्मक कार्य, पुनर्वित्त, वित्तपोषण, आयोजना, अनुप्रवर्तन और पर्यवेक्षण, नीति निर्माण शामिल हैं। ग्रामीण ऋण प्रदाय प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए सहकारी संस्थाओं और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का संस्थागत विकास और क्षमता निर्माण करना. ग्रामीण आधारभूत संरचना विकसित करने और सहकारी ऋण संरचना को सुदृढ़ बनाने के लिए राज्य सरकारों को ऋण देना।
खरगोन जिले में चल रही विभिन्न परियोजनाओ पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने सभी विभागों, हितधारकों एवं लाभार्थियों को नाबार्ड की इस यात्रा को सफल बनाने के लिए साधुवाद दिया। इसी शृंखला में नाबार्ड प्रायोजित कृषि ड्रोन का प्रदर्शन घुघुयाखेड़ी सहकारी संस्था द्वारा किया गया एवं कृषको को आधुनिक तकनीकी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। गोगावा एफ़पीओ, निमाडफ्रेश एफ़पीओ एवं जैव वसुंधरा एफ़पीओ ने अपने अनुभव साझा किए। सुदूर सिरवेल क्षेत्र के कृषक ने वाड़ी परियोजना से जुडने के पश्चात अपने बदलते जीवन के बारे में बताया। कार्यक्रम के अंत में “एक पेड़ माँ के नाम” अंतर्गत पौधा रोपण किया गया। कार्यक्रम के दौरान श्री विजेंद्र पाटिल, डीडीएम नाबार्ड, कृषि विज्ञान केंद्र से डॉ जी एस कुलमी, डॉ आर के सिंह, डॉ अनीता शुक्ल, श्री केके गिरवाल, उप संचालक उद्यानिकी, श्री सुमेर सिंह सोलंकी, एलडीएम ने मार्गदर्शन दिया।