
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही आज चार दिवसीय चैती छठ का समापन धूमधाम से हो गया है. जम्मू के विभिन्न घाटों पर व्रती महिलाओं और पुरुषों ने जल में उतरकर सूर्य देव की उपासना की
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही आज चार दिवसीय सबसे कठिन उपवास में से एक चैती छठ का समापन हो गया है. लोक आस्था के चैती छठ महापर्व के चौथे दिन बोकारो के विभिन्न घाटों सहित बेरमो के जारंगडीह दामोदर नदी में छठ व्रती महिलाओं और पुरुषों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ का समापन हो गया है. यह व्रत संतान की लंबी उम्र और मंगल कामना के लिए माताओं द्वारा किया जाता हैं. जो कि बहुत ही नियम निष्ठा के साथ किया जाता है. इस व्रत को करने से परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की लंबी आयु और निरोगी जीवन की प्राप्ति होती है.
जम्मू
के विभिन्न छठ घाटों में उपासकों सहित काफी संख्या में लोगों ने उगते सूर्य भगवान भास्कर को दूध और जल से अर्घ्य अर्पित किया. ब्रह्म मुहूर्त में उठकर लोगों ने सूप सजाकर विभिन्न छठ घाट पहुंचे और जल में में उतरकर भगवान सूर्य का आराधना किया. फिर भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर उन्हें नमन किया. इस प्रकार नियम निष्ठा से मनाएं जाने वाले सूर्योपासना का चार दिवसीय अनुष्ठान सम्पन्न हो गया है.