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गणगौर पर्व का मुख्य आयोजन प्रारंभ तीन दिनों तक शहर में पर्व का रहेगा उत्साह,

पूरे निमाड़ में गणगौर का पर्व धार्मिक उत्सव के साथ मनाया जा रहा है,

गणगौर पर्व का मुख्य आयोजन प्रारंभ तीन दिनों तक शहर में पर्व का रहेगा उत्साह,

पूरे निमाड़ में गणगौर का पर्व धार्मिक उत्सव के साथ मनाया जा रहा है,

खंडवा।। गणगौर पूजन पर्व सनातन हिंदू धर्म में गणगौर पूजा का विशेष महत्व है। अतः हिंदी पंचांग के अनुसार गणगौर पूजा चैत्र मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को प्रारम्भ हो जाती है। राजस्थान के बाद पूरे निमाड में गणगौर का पर्व धार्मिक उत्साह के साथ मनाया जाता है, समाजसेवी व प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि गणगौर पूजा का व्रत भगवान शिव ओर माता पार्वती को समर्पित है। इस व्रत के आयोजन से भगवान शिव ओर माता पार्वती जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। गणगौर पूजा पर्व विशेष रूप से मध्यप्रदेश के कुछ भागों में,निमाड़ अंचल एवं राजस्थान में बहुत धुमधाम से मनाया जाता है। विशेषकर विवाहित, नवविवाहित जोड़ा एवं अविवाहित महिलाएं गणगौर की पुजा करती है। इस पर्व के सम्बन्ध में मान्यता है कि विवाहित ओर नवविवाहित महिलाएं भगवान शिव ओर माता पार्वती के प्रतीक ईश्वर ओर गणगौर की पुजा करती है तो उनके पति की उम्र लंबी होती है। वही, अविवाहित महिलाएं इस त्योहार को मानकर भगवान शिव जैसे पति प्राप्ति की कामना करती हैं। गणगौर पर्व पर महिलाएं उत्साह से भाग लेती हैं, शिव ओर माता पार्वती की मिट्टी से मुर्ति बनाती हैं , उन्हें आर्कषक कपड़े पहनाती है ओर गणगौर पूजा करते समय उनकी पूजा करती हैं। वैवाहिक सुख के लिए महिलाएं दिनभर उपवास रखती हैं । गणगौर के दिन स्वदिष्ट भोजन तैयार किया जाता हैं। गणगौर नाम का महत्व – ” गण” ( भगवान शिव) एवं “गौर” ( माता पार्वती) के संयोजन से बना है। गणगौर पूजा विधि में सभी विधी नियमों का पालन बहुत पवित्रता पूर्वक किया जाता हैं। गणगौर माता के पर्व में धनियर राजा ओर रणु बाई की आराधना होती हैं , जो कि शिव – पार्वती का अवतार है। इन्हें गेहूं के ज्वारों से पूजा जाता है ताकि , पूरे साल भर तक विपदाएं टलती रहे। गणगौर पर्व के शुभ अवसर पर महिलाओं द्वारा बहुत श्रद्धा भाव से झालरिया भक्ति गीत गये जाते हैं। सुनील जैन ने बताया कि तीन दिनों तक गणगौर का यह व शहर में नजर आएगा लगभग 100 वर्ष पूर्व से कहार वाली बाड़ी के नाम से मशहूर लक्ष्मी नारायण लोहार लच्छू भैया के निवास पर कई पीढ़ीयो से माता जी की बाड़ी का आयोजन आयोजित हो रहा है,मंगलवार को उत्साह के साथ गणगौर का पर्व मनाकर भंडारा भी संपन्न हुआ, बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गणगौर पर्व में शामिल होकर प्रसादी ग्रहण की।

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