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ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार हर्बल गुलाल, होली के पर्व पर सौंदर्य और स्वास्थ्य का खजाना,

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ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार हर्बल गुलाल, होली के पर्व पर सौंदर्य और स्वास्थ्य का खजाना,

जिला पंचायत के द्वारा हर्बल गुलाल के लगे स्टाल पर आईजी, कलेक्टर, एसपी ने पहुंच कर गुलाल खरीदा,

खंडवा ।। स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए होली के पर्व पर रंगों के माध्यम से शरीर पर कोई नुकसान ना हो इस हेतु हर्बल गुलाल तैयार किया है, होली के पर्व के पूर्व नगर निगम के समीप आजीवका मिशन जिला पंचायत द्वारा महिलाओं के द्वारा बनाए गए रंग गुलाल का स्टॉल लगाया गया है, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि होली की पूर्व संध्या पर निकले जिला,पुलिस प्रशासन के फ्लैग मार्च में साथ में चल रहे आईजी पुलिस महानिरीक्षक अनुराग कुमार,कलेक्टर ऋषव गुप्ता, पुलिस अधीक्षक मनोज राय रंगों के स्टाल पर पहुंचे और हर्बल गुलाल की खरीदी कर ऑनलाइन के माध्यम और नगद राशि देकर भुगतान किया आईजी ने इस इन रंगों के महत्व को समझा और कार्य की सराहना करते हुए महिलाओं को शुभकामना दी, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि होली के रंगों से सराबोर यह पर्व इस बार विशेष रूप से स्वास्थ्य और सौंदर्य के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बन गया है। कलेक्टर , मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत खंडवा के प्रोत्साहन एवं। मार्गदर्शन से आजीविका मिशन के समूहों गीता आजीविका,महालक्ष्मी एवं कृषि नमामि आजीविका फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी से पुष्पा कोगे, कला बामने ग्राम जल कुआं ब्लॉक पनधाना ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों ने इस होली पर पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हर्बल गुलाल तैयार किया है। इन गुलालों को औषधीय जड़ी-बूटियों, पलाश के फूलों, हल्दी, सिंदूर, जामुन और अरारोट जैसे प्राकृतिक तत्वों से बनाया गया है, जो न केवल रंगीन होते हैं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हैं।स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं इस पहल के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में रोजगार सृजन भी कर रही हैं। इन हर्बल गुलालों में रासायनिक रंगों का कोई इस्तेमाल नहीं किया गया है, जो त्वचा और पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसके अलावा, यह गुलाल जो कि जामुन की गुठली, पलाश के फूल, हल्दी, अरारोट अर्जुन, सिंदूरी से तैयार किया गया है त्वचा की देखभाल करने के साथ-साथ एलर्जी और अन्य समस्याओं से भी बचाता है।कलेक्टर महोदय ऋषभ गुप्ता ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “हमारे समूहों की महिलाएं इस पहल के माध्यम से न केवल होली के रंगों को प्राकृतिक रूप में प्रस्तुत कर रही हैं, बल्कि समाज में जागरूकता भी फैला रही हैं। यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का भी एक अहम प्रयास है।” ग्रामीण आजीविका मिशन से जिला परियोजना प्रबंधक आनंद शर्मा, जिला प्रबंधक धर्मेंद्र सिंह भदौरिया, युवराज चौहान, रविन्द्र बिलास पूरे आदि उपस्थित थे। इस पहल को लेकर स्थानीय समुदाय में उत्साह का माहौल है और लोग इन हर्बल गुलालों को अपनाने के लिए उत्सुक हैं। महिलाओं के इस सामूहिक प्रयास से ग्रामीण क्षेत्रों में एक नई दिशा और पहचान मिल रही है।

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