
पक्षियों में बर्ड फ्लू रोग से बचाव के लिए एडवाईजरी जारी
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खण्डवा:-पक्षियों को बर्ड फ्लू एवं अन्य कई बीमारियाँ हो सकती हैं। यह बीमारियाँ एक पक्षी से दूसरे पक्षी में व दूषित पानी से अथवा प्रभावित पक्षी के मल-मूत्र, पंखों आदि के जरिये पूरे झुंड को तेजी से प्रभावित कर सकती हैं। उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाये डॉ. हेमन्त शाह ने बताया कि पक्षियों को बाड़े में बंद रखिये । केवल पोल्ट्री फार्म की देखभाल करने वालों को ही पक्षियों के पास जाना चाहिए। अनावश्यक लोगों को बाड़े में प्रवेश न करने दें। मुर्गे-मुर्गी को दूसरे पक्षियों /पशुओं से न मिलने दें। बाड़े में और उसके आसपास साफ-सफाई बहुत जरूरी है। इस प्रकार जीवाणु और विषाणुओं से बचा जा सकता है। पक्षियों के बाड़े को साफ-सुथरा रखें और पक्षियों का भोजन और पानी रोजाना बदलें। पोल्ट्री फार्म/ बाड़े को नियमित रूप से संक्रमण मुक्त करते रहें। अपने आपको और बाजार या अन्य फार्मों में अन्य पक्षियों के संपर्क में आने वाली हर चीज की साफ-सफाई रखें। नये पक्षी को कम से कम 30 दिन तक स्वस्थ पक्षियों से दूर रखें। बीमारी को फैलने से रोकने या बचाव के लिये पोल्ट्री के संपर्क में आने से पहले और बाद में अपने हाथ, कपड़ों और जूतों को धोयें तथा संक्रमण मुक्त करें।
उन्होंने बताया कि यदि आप अन्य फार्मों से उपकरणों औजारों या पोल्ट्री को उधार लेते हैं, तो अपने स्वस्थ पक्षियों के संपर्क में आने से पहले भली-भांति उनकी सफाई करें और संक्रमण मुक्त करें। पक्षियों पर नजर रखें यदि अधिक पक्षी मर रहे हैं आँखों , गर्दन और सिर के आसपास सूजन है, रिसाव हो रहा है पंखों, कलगी और टांगो का रंग बदल रहा है और पक्षी अण्डे कम देने लगे हैं तो यह सब खतरे के संकेत हैं। पक्षियों में अचानक कमजोरी , पंख गिरने और हरकत कम होने पर नजर रखें। उन्होंने कहा कि पक्षियों में असामान्य बीमारी अथवा मौत की सूचना तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय को दें।