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पद विहार कर खंडवा पहुँची साध्वी लक्ष्मीभूषण माताजी, जगह-जगह हुआ पाद पक्षालन,

आहार के पश्चात माताजी का उन तीर्थ क्षेत्र के लिए हुआ विहार, रात्रि विश्राम सुधा वेयरहाउस पर हुआ

एडिटर/संपादक-तनीश गुप्ता✍️

पद विहार कर खंडवा पहुँची साध्वी लक्ष्मीभूषण माताजी, जगह-जगह हुआ पाद पक्षालन,

आहार के पश्चात माताजी का उन तीर्थ क्षेत्र के लिए हुआ विहार, रात्रि विश्राम सुधा वेयरहाउस पर हुआ

खंडवा।। मंगलवार को सुबह साढ़े 8 बजे माताजी का ससंघ ग्राम रूधि से खंडवा शहर में मंगल प्रवेश हुआ, केवलराम पेट्रोल पंप से बुधवारा बाजार, सराफा जैन मंदिर, हरिगंज होते हुए माताजी आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर छात्रावास पहुंची। माताजी का विहार तीर्थ क्षेत्र ऊन के लिए चल रहा हैं। इस दौरान विहार मार्ग पर आने वाले शहरों में वे रुककर धर्म की प्रभावना कर रही है। समाज के सचिव सुनील जैन ने बताया कि खंडवा में मंगल प्रवेश के दौरान मुनि सेवा समिति एवं समाज जनों ने माताजी की मंगल अगवानी की, खंडवा में मंगलवार की सुबह जैन साध्वी लक्ष्मी भूषण माताजी का मंगल प्रवेश हुआ। इस दौरान समाजजन ने साध्वी के पैदल विहार के रास्ते पर रांगोली बनाई एवं पाद पक्षालनकर उनका आशीर्वाद लिया। साध्वी आदिनाथ दिगबंर जैन मंदिर छात्रावास पहुंची, जहां धर्म प्रभावना हुई एवं गुरु भक्त परिवार द्वारा आचार्य संपन्न कराई गई, मुनि सेवा समिति मीडिया प्रभारी सुनील जैन, प्रेमांशु चौधरी ने बताया कि साधु संत चलते-फिरते तीर्थ के समान होते हैं, जब भी नगर में साधु संतों का प्रवेश हो तो उनके सानिध्य एवं उनके द्वारा की जा रही धर्म प्रभावना का लाभ हमारे जीवन को सुखी बनाने के लिए अवश्य करना चाहिए। खंडवा पहुंची लक्ष्मी भूषण माताजी त्रिलोक तीर्थ प्रणेता आचार्य सन्मति सागर की शिष्या है। वे चार्तुमास के बाद रजवास से सिद्व क्षेत्र ऊन पावागिरी के लिए पैदल विहार पर निकली है। त्रिलोक तीर्थ प्रणेता आचार्य श्री 108 सन्मति सागर महामुनिराज जी की आज्ञानुवर्ती शिष्या परम् पूज्य गणिनी आर्यिका 105 लक्ष्मी भूषण माताजी का चातुर्मास उपरान्त रजवास से सिद्ध क्षेत्र ऊन (पावागीरी जी) के लिए विहार चल रहा है, मंगलवार को ही शाम 4:00 बजे माताजी का विहार हुआ, रात्रि विश्राम सुधा वेयरहाउस पर हुआ, 19 फरवरी बुधवार की आहारचर्या सुधांशु जैन रूपांशु जैन (चौधरी) के फार्म हाउस सिरसौद रोड छैगांव माखन पर संपन्न होगी ,सभी साधर्मी बंधु अधिक से संख्या में पहुंचकर मंगल विहार में उपस्थित होकर पुण्यार्जन करें।

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